रांचीः राजधानी रांची में चोरी और झपटमारी की वारदातें बढ़ गईं हैं. पुलिस गश्त को चुनौती देकर अपराधी आए दिन रांची के किसी न किसी इलाके में वारदात को अंजाम दे रहे हैं. चोरी, छिनतई, लूट और गृहभेदन (संपत्ति मूलक कांड) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए रांची पुलिस ने नई योजना बनाई है. इसके तहत रांची के थानों में चोरों की हाजिरी लगवाई जाएगी. इसके अलावा छिनतई और लूट के आरोप में जेल से छूटकर बाहर निकले अपराधियों की भी थाने में हाजिरी दर्ज की जाएगी.
पुलिस तैयार कर रही सूची
रांची पुलिस की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. सिटी एसपी सौरभ ने सभी थानेदारों को निर्देश दिया है कि वे संपत्ति मूलक कांड में जेल गए अपराधियों की एक सूची तैयार करें. इन कांडों में जेल से बाहर निकले अपराधियों की अलग से लिस्ट बनाएं. इनकी गतिविधियों पर नजर रखें और प्रतिदिन थाने बुलाकर हाजिरी लगवाएं. एक माह के भीतर अलग-अलग सूची तैयार कर गोपनीय शाखा को भी उपलब्ध कराएं. ऐसे करने से संपत्ति मूलक कांडों में कमी आएगी.
डेटा तैयार करने के लिए अनुसंधान और विश्लेषण विंग का गठन
रांची पुलिस चोरी, लूट, डकैती और झपटमारी की वारदातों को अंजाम देने वाले शातिर अपराधियों का भी डेटा तैयार करेगी. इसकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके लिए अनुसंधान और विश्लेषण विंग का गठन किया गया है. जिसकी जिम्मेवारी सदर डीएसपी को दी गई है. सिटी एसपी ने सभी थाना प्रभारी को भी संपत्ति मुलक कांड की जानकारी, पैटर्न और शातिर अपराधियो की सूची विंग को सौंपने का निर्देश दिया है.
अपराध के पैटर्न का पता लगाएगी विंग
सिटी एसपी ने बताया कि हाल के दिनों में झपटमारी जैसी वारदात में इजाफा हुआ है. इसको रोकने के लिए अपराध विश्लेषण और नियंत्रण विंग की ओर से इसका डेटा निकाला जा रहा है कि कौन से समय इस तरह की घटना ज्यादा हुई है और कौन से ब्लैक स्पॉट हैं, जो ज्यादा टारगेट पर हैं. सिटी एसपी ने बताया कि डेटा के जरिए न सिर्फ क्राइम के पैटर्न बल्कि किन जगहों पर घटनाएं ज्यादा हो रही हैं इसकी भी जानकारी मिलेगी. वहीं घटना के पैटर्न से ये पता चल पाएगा कि कौन सा गिरोह किन थाना क्षेत्रों में एक्टिव है.
गश्त न होने का फायदा उठा रहे चोर
रांची के विभिन्न इलाकों में चोरी की वारदातें बढ़ गईं हैं. स्थिति ये है कि रांची के विभिन्न इलाकों में सालभर में आठ सौ से ज्यादा चोरी की वारदातें हो चुकी हैं. सबसे अधिक चोरी के केस जगन्नाथपुर, पुंदाग, धुर्वा, तुपुदाना, पंडरा, सुखदेवनगर, कोतवाली थाना में दर्ज कराए गए हैं. बताया जा रहा है कि इन इलाकों में पुलिस की गश्त नहीं होती है. इसका फायदा चोर उठाते हैं. बंद घरों को निशाना बनाकर चोरी की वारदातों को अंजाम देते हैं.