रांची। झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिलों में ऑपरेशन चलाने वाले सुरक्षाबलों को अब 2जी के बजाए 4जी में अपग्रेड सेवा मिलेगी। इसका सबसे अधिक लाभ झारखंड को मिलेगा जहां 816 टावर स्थलों के जरिये 4जी सेवाएं मिलेंगी।
सुरक्षा बलों को 2जी सर्विस के चलते कम्यूनिकेशन और दूसरे स्तर की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीएसएनएल की ओर से दी जा रही इस सेवा के चलते जवानों को कई दफा मनमुताबिक रिजल्ट नहीं मिल पाता।
इसे देखते संचार मंत्रालय (केंद्र सरकार) ने फैसला लिया है कि वह वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) चरण-1 प्रोजेक्ट के अंतर्गत 2जी सेवाओं को 4जी में उन्नयन (अपग्रेड) करेगा। इसके तहत देश भर के उग्रवाद प्रभावित जिलों में 2343 स्थानों पर लगाये गये टावरों के जरिये इस काम को पूरा करेगा।
लोकसभा के चालू सत्र में पलामू सांसद बीडी राम ने संचार मंत्रालय से झारखंड में नक्सल प्रभावित जिलों में संचार प्रणाली में सुधार, बीटीएस (बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन) टावरों की स्थापना के संबंध में सूचना की मांग की थी।
इस पर संचार राज्य मंत्री देवु सिंह चौहान ने बताया है कि सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 4जी सेवाएं दिये जाने का फैसला ले चुकी है।
इसके अलावा देश के भीतर नक्सल प्रभावित 10 राज्यों में संचार व्यवस्था में सुधार लाने को गृह मंत्रालय द्वारा चिन्हित टावर स्थलों में 2542 बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन टावरों की संस्थापना करेगी। वामपंथी उग्रवाद चरण-2 प्रोजेक्ट का भी कार्यान्वयन इसके जरिये किया जा रहा है।झारखंड में 450 बीटीएस टावर लगाये जायेंगे। बीटीएस टावरों की स्थापना का कार्य शुरू हो चुका है। 30 जून तक देश भर में 37 मोबाइल टावर चालू किये जा चुके हैं। वामपंथी उग्रवाद चरण-2 प्रोजेक्ट-2 मार्च 2023 के अंत तक पूरा हो जाने की संभावना है।