JoharLive Desk

नई दिल्ली : केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय खाली पड़ी सरकारी जमीन, बंगलों और फ्लैट को कब्जे से बचाने के लिए निजी सुरक्षा एजेंसी की सेवा लेने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की प्रमुख निर्माण एजेंसी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को निजी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने का काम सौंपा गया है। इन सुरक्षाकर्मियों में दिल्ली में रह रहे पूर्व सैनिकों को वरीयता दी जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियों को सुरक्षाकर्मियों की तैनाती से पहले उनका सत्यापन दिल्ली पुलिस से कराना होगा। उसके बाद ही उन्हें खाली पड़े सरकारी बंगलों, जमीन और फ्लैटों में तैनात किया जाएगा। सुरक्षा एजेंसी को एक साल के लिए नियुक्त किया जाएगा और वह खाली पड़ी संपत्ति पर 24 घंटे दो सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करेगी।

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में ऐसी हजारों संपत्ति हैं जो खाली पड़ी हुई हैं। इनके आधिकारिक मालिकों की गैरहाजिरी में इन पर अतिक्रमण होता रहता है। ऐसी ही संपत्तियों को कब्जे से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बावजूद अगर इन पर अतिक्रमण होता है तो एजेंसी को जमीन, बंगले या फ्लैट पर अनाधिकृत कब्जा रहने तक हर दिन 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

सरकार के अनुमानों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति के लिए 93 लाख रुपये की जरूरत होगी। इन संपत्तियों में नियुक्त किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों के पास न्यूनतम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। एजेंसी की सेवा शुरू होते ही उसे रोजाना सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी। सुरक्षाकर्मियों के व्यवहार और आचरण के लिए भी एजेंसी ही जिम्मेदार होगी।

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