JoharLive Desk
नई दिल्ली : माइक्रोब्लोगिंग साइट ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। अब दुनियाभर के यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकल एड नहीं देख पाएंगे। वहीं, ट्विटर की नई पॉलिसी 22 नवंबर से लागू हो जाएगी। कंपनी के मुख्य अधिकारी जैक डॉर्सी ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर इस जानकारी को पोस्ट किया है। इसके अलावा डॉर्सी ने विज्ञापन पर बैन लगाने को लेकर कई कारण भी बताएं हैं।
जैक ने अपने ट्विट में कहा है कि हमने ग्लोबल स्तर पर राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाई है। उन्होंने आगे लिखा है कि हमारा मानना है कि इन विज्ञापनों के जरिए लोगों तक संदेश पहुंचाने चाहिए बल्कि इन्हें खरीदा भी नहीं जाना चाहिए।
जैक ने कहा है कि एक राजनीतिक विज्ञापन या मैसेज लोगों तक जब पहुंचता है, जब उस अकाउंट को फॉलो किया जाता है। इसके साथ ही रिट्विट करने से भी रीच बढ़ती है। हमारा मानना है कि इस फैसले से पैसों का समझौता नहीं किया जा सकता है।
आज के समय में इंटरनेट विज्ञापन देने वालों के लिए एक ताकतवर प्लेटफॉर्म बन गया है, लेकिन यह राजनीति के लिए घातक साबित हो सकता है। जैक का मानना है कि राजनीतिक विज्ञापनों से वोट को प्रभावित किया जाता है, जिससे करोड़ों लोगों की जिंदगियां प्रभावित होती हैं।
ट्विटर 15 नवंबर को अपनी नई पॉलिसी पेश करेगा, जिसमें कुछ अपवाद होंगे। लोग वोटर की रजिस्ट्रेशन के लिए विज्ञापन दे सकेंगे। इसके साथ ट्विटर 22 नवंबर को भी नया नियम लागू करेगा, जिससे विज्ञापन देने वालों को नया नोटिस पीरियड मिलेगा। वहीं, जैक ने कहा है कि यह अभिव्यक्ति की बात नहीं है। यहां पैसा देकर राजनीतिक भाषण को आगे बढ़ाने से लोगों पर बहुत असर होता है। उन्होंने आगे कहा है कि अब तक इसके लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था भी तैयार नहीं हुई है।
भारत इस समय पॉलिटिकल विज्ञापनों से निपटने के मुद्दे से जूझ रहा है। इससे पहले भी भारत सरकार ने इन विज्ञापनों को लेकर नियम बनाने के लिए कहा था। आपको बता दें कि जैक को ट्विटर पर विज्ञापन पर रोक लगाने को लेकर बहुत सर्मथन मिला है।