विवेक शर्मा

रांची : हॉस्पिटल का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक ही विचार आता है. डॉक्टर दवाएं और इंजेक्शन लिखेगा. ज्यादा गंभीर समस्या हुई तो सर्जरी भी की जाएगी. लेकिन शहर के इस बड़े हॉस्पिटल में मरीजों का हर्बल ट्रीटमेंट होगा. इसे लेकर दवाएं भी हॉस्पिटल में पहुंच चुकी है. जल्द ही डॉक्टरों की भी नियुक्ति की जाएगी. इसके बाद सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी में मरीजों का हर्बल ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. वहीं इलाज कराने वाले मरीजों के पास सदर में एलोपैथी, होम्योपैथी के बाद हर्बल ट्रीटमेंट कराने का भी आप्शन होगा. बता दें कि सरकार ने हर्बल ट्रीटमेंट को भी मान्यता दे दी है. जिससे कि सरकारी हॉस्पिटलों में मरीजों का हर्बल ट्रीटमेंट हो सकेगा.

ओपीडी में हर दिन 1 हजार से अधिक मरीज

हॉस्पिटल में सुविधाएं बढ़ने से मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी में हर दिन पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 1 हजार के पार पहुंच गई है. अब हर्बल ट्रीटमेंट शुरू हो जाने से और मरीज इलाज के लिए पहुंचेंगे.

होम्योपैथी क्लिनिक से मिली राहत

सदर में होम्योपैथी क्लिनिक की शुरुआत हो चुकी है. वहां डॉक्टर भी ओपीडी के समय मरीजों को देख रहे है. हालांकि दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही है. लेकिन कंसल्टेशन के लिए डॉक्टर हर दिन उपलब्ध है. रजिस्ट्रेशन कराकर कोई भी मरीज डॉक्टर से सलाह ले सकता है. ऐसी सुविधा शुरू करने वाला सदर हॉस्पिटल पहला सरकार हॉस्पिटल है.

सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि दवाएं पहुंच चुकी है. आचार संहिता खत्म होते ही डॉक्टर की नियुक्त कर ली जाएगी. इसके बाद ओपीडी में मरीज हर्बल के डॉक्टर से भी इलाज करा सकेंगे. फिलहाल मरीजों को एलोपैथी और होम्योपैथी की सुविधा मिल रही है. होम्योपैथी की दवाएं भी जल्द हॉस्पिटल में उपलब्ध करा दी जाएगी. जिससे कि मरीज अपनी इच्छानुसार इलाज करा सकेंगे. हमारा उद्देश्य है कि मरीजों को एक ही छत्त के नीचे सारी सुविधाएं मिल सके. साथ ही सदर हॉस्पिटल रांची को देश का बेहतर हॉस्पिटल बनाना है.

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