उत्तर प्रदेश : यूपी के फिरोजानगर का नाम बदलने का योगी सरकार ने ऐलान कर दिया है. फिराजाबद नगर निगम ने गुरूवार को इस बाबत प्रस्ताव भी पारित कर दिया है. सुहाग नगरी और चूड़ियों के लिए मशहूर फिरोजाबाद अब ‘चंद्रनगर’ के नाम से जाना जायेगा. बता दें कि इससे पहले अलीगढ़ का नाम बदलकर हरि गढ़ करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ था.
नगर निगम के कार्यकारिणी सदस्यों का कहना है कि फिरोजाबाद का नाम पहले चंद्रनगर ही था. लिहाजा नाम बदला नहीं गया है, बल्कि पहले रखे गए नाम को वापस सम्मान दिया गया है. बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव था कि फिरोजाबाद का नाम दोबारा चंद्रनगर कर दिया जाए. लिहाजा इसे अब मंजूरी दे दी गई है. नगर से पारित इस प्रस्ताव को अब अंतिम स्वीकृति के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार को भेजा जाएगा. सरकार से मंजूरी मिलते ही फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर हो जाएगा.
1989 में फिरोजाबाद बना था जिला
उत्तर प्रदेश में 5 फरवरी 1989 को फिरोजाबाद जिला बनाया गया था और इसको फिरोजाबाद जिले के नाम से ही जाना गया. हालांकि यूपी में बीजेपी सरकार आने के बाद प्रदेश के जिलों और शहरों के मुगलकालीन नाम बदलने की कवायद तेज हुई है. आगरा, अलीगढ़, गाजीपुर, गाजियाबाद जैसी जगहों के नाम बदलने की मांग उठती रही है. इलाहाबाद का नाम प्रयागराज पहले ही किया जा चुका है. हालांकि शहर का नाम बदलने में 300 से 500 करोड़ रुपये का खर्च आता है.
जानें फिरोजाबाद का इतिहास
कहा जाता है कि फिरोजाबाद में राजा चंद्रसेन की रियासत थी. इसलिए इस जगह का नाम चंद्रनगर पड़ा. मुगल शासन से पहले 1556 ईस्वी में फिरोजाबाद में राजा चंद्रसेन की यहां रियासत हुआ करती थी. राजा चंद्रसेन महल में प्रजा की समस्या सुनने के साथ शहर में गोपनीय ढंग से घूमते हुए जनता के दुख दर्द को समझने निकलते थे. राजा चंद्रसेन तेजतर्रार योद्धा भी थे. उनकी लोकप्रियता के कारण ही ये चंद्रनगर कहलाया. मौजूदा वक्त में राजा चंद्रसेन का महल खंडहर में बन चुका है और वहां जंगल ही बचा है.
फिरोजाबाद नाम कैसे पड़ा
कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर के सेनापति फिरोजशाह के नाम पर इस शहर का नाम फिरोजाबाद रखा गया. कहा जाता है कि अकबर के नवरत्नों में से एक राजा टोडरमल थे. एक बार वो अपने पितरों का पिंडदान करने जा रहे थे. लेकिन आसफाबाद इलाके में लुटेरों ने उनके काफिले को लूट लिया. इसमें धन दौलत के साथ ऊंट भी लूटे गए.
टोडरमल ने जब अकबर के दरबार में अपनी कहानी बयां की तो वो आगबबूला हो गए. उन्होंने कहा कि बादशाह अकबर के शासन में उनके ही नवरत्नों से लूट की घटना हो जाना, अपमानजनक है. इस पर अकबर ने सेनापति फिरोज शाह को भेजकर लुटेरों के गिरोहों का भंडाफोड़ किया.फिर फिरोज शाह ने वहीं डेरा डाल दिया और शहर का नाम फिरोजाबाद पड़ गया. फिर फिरोजशाह की मौत के बाद उसका मकबरा यहीं बना.
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