बिहार: बिहार में बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई हैं. इस दिशा में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में एक विशेष साइबर सेल बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई हैं. इसमें आईजी, डीआईजी, एसपी, डीएसपी के साथ-साथ पुलिस बल के अन्य अधिकारी, इंस्पेक्टर और दारोगा की तैनाती की जाएगी. पटना कोतवाली थाने के पास साइबर सेंटर बनाने की योजना हैं, जिसे सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया हैं. इसके अलावा, राजधानी पटना में चार नए साइबर थाने खोलने का प्रस्ताव भी रखा गया हैं.
साइबर अपराध के हॉट स्पॉट बने पांच जिले
एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार के पांच जिले – पटना, शेखपुरा, नालंदा, नवादा और जमुई – साइबर अपराध के हॉट स्पॉट के रूप में चिह्नित किए गए हैं. इन जिलों में साइबर अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और साइबर अनुसंधान के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला का गठन किया जाएगा, ताकि इन मामलों की जांच प्रभावी तरीके से की जा सके.
इसके अलावा, पटना में एक हाइटेक कॉल सेंटर और ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित किया जाएगा, जो 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध कराएगा. यह केंद्र बिहार के वर्तमान 1930 कॉल सेंटर के अतिरिक्त होगा.
साइबर कमांडो और बैंक अधिकारी की तैनाती
साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर कमांडो की भी तैनाती की जाएगी. इसके लिए आईटी और तकनीकी क्षेत्र में डिग्री धारक 176 पुलिस अधिकारियों का चयन विशेष परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा. चयनित अधिकारियों को आईआईटी और एनआईटी से विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होगा.
इसके अलावा, साइबर सेंटर में वित्तीय धोखाधड़ी मामलों से निपटने के लिए एक बैंक अधिकारी की 24 घंटे तैनाती होगी. इस सेल की जिम्मेदारी राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों की डाटा सुरक्षा भी होगी.
साइबर अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि राज्य के सभी 44 पुलिस जिलों में साइबर थाना कार्यरत हैं और इन सभी थानों से संबंधित मामलों के लिए राज्य स्तर की नोडल इकाई के रूप में ईओयू काम कर रही हैं.
इस साल अब तक 301 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 10 करोड़ रुपये का गबन हुआ. हालांकि, अब तक 1.6 करोड़ रुपये की राशि को होल्ड करने में सफलता मिली हैं.
बिहार सरकार ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए जो कदम उठाए हैं, उससे राज्य में इन अपराधों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी और लोगों को सुरक्षा का एहसास होगा.
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