रांची : स्वास्थ्य विभाग राज्य में कुछ बीमारियों की रोकथाम के लिए युद्धस्तर पर जुटा है. कालाजार, टीबी जैसी बीमारियां उन्हीं में से एक है. कालाजार पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है. अब स्वास्थ्य विभाग की टीबी को जड़ से खत्म करने की तैयारी है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग टीबी से ग्रसित नए मरीजों की पहचान करेगा. इतना ही नहीं एडल्ट्स का भी बीसीजी वैक्सीनेशन कराया जाएगा. वहीं टीबी से ग्रसित मरीजों को ढूंढने के लिए टीमें लगाई गई है. इसमें टीबी को मात दे चुके सर्वाइवर भी शामिल होंगे. जो लोगों के पास जाकर टीबी के बारे में बताएंगे. इतना ही नहीं उन्हें इसके इलाज व सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया जाएगा.

20 जून तक चलेगा अभियान

टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है. हालांकि इसे स्वास्थ्य विभाग पॉजिटिव मान रहा है. लोगों में जागरूकता बढ़ी है. इस वजह से पहले की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ रहे है. इसके बावजूद कुछ लापरवाह लोग है जो टीबी के बारे में जानते हुए भी लापरवाही बरत रहे है. जिससे कि वे बीमारी फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. ऐसे ही मरीजों की तलाश करने के लिए टीम हर घर जाकर मरीजों की तलाश कर रही है. अभियान के दौरान ही टीबी से ग्रसित एडल्ट मरीजों को चिन्हित किया जाएगा. वहीं चिन्हित करने के बाद उनका बीसीजी वैक्सीनेशन कराया जाएगा.

1 जुलाई से लगाया जाएगा टीका

एक्टिव केस फाइंडिंग के दौरान सुदुरवर्ती क्षेत्र, जनजातीय क्षेत्र, खनन उद्य़ोग क्षेत्र, ओल्ड़ एज होम, कैदी, एचआईवी मरीज, डायबिटीक लोग के अलावा टीबी मरीजों के संपर्क में आने वालों से मिलकर स्क्रीनिंग की जाएगी. इस काम में सहिया के अलावा कम्युनिटी वालेंटियर, टीबी सर्वाइवर भी मरीजों की पहचान करने में मदद करेंगे. बता दें कि टीबी के मरीजों की जांच से लेकर इलाज पूरी तरह से मुफ्त है. 1 जुलाई से बीसीजी वैक्सीनेशन किया जाएगा.

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