JoharLive Team

रांची। दुमका जेल में बंद कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा रंगदारी का पैसा नही मिलने पर रेलवे ठेकेदार कमलेश सिंह की रेकी व हत्या को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। अनिल शर्मा ने जेल में बंद अपने गुर्गा डब्लू शर्मा उर्फ डब्लू सिंह से मोबाइल पर बातचीत कर यह योजना बनाया है। मोबाइल रिकॉर्डिंग में इस बात की पुष्टि भी हुई है। सीआईडी के अधिकारी ने पूरे साक्ष्य एकत्रित कर दुमका पुलिस को दी और कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा, डब्लू शर्मा उर्फ डब्लू सिंह समेत अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है। दुमका के नगर थाना में यह प्राथमिकी दर्ज की है। दुमका पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। इधर, सीआईडी की जांच के बाद रेलवे ठेकेदार कमलेश सिंह को रांची पुलिस की ओर से सुरक्षा मुहैया कराया गया है।

पटना से शूटर बुला कर ठेकेदार के हत्या की रची थी साजिश

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दुमका जेल में बंद कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा ने जेल में बंद डब्लू शर्मा से मोबाइल संख्या 7979763094 पर बातचीत कर योजना बनाया है। अनिल शर्मा ने डब्लू शर्मा से बातचीत में कहा है कि ठेकेदार कमलेश सिंह की हत्या व रेकी के लिए पटना से शूटर बुलाना है। वहीं, बातचीत में कहा कि शूटर को कैसे घटना को अंजाम देना है, इसको लेकर बताया है। जबकि, घटना को अंजाम देने के बाद कैसे भागना है, इसके बारे में भी बताया गया। अगर, घटना को अंजाम देने में शूटर पकड़े जाते है तो अनिल शर्मा और डब्लू शर्मा का नाम नही लेने को भी बातचीत होती है।

शर्मा ने जेल से कितनी बार की बातचीत

सीडीआर जांच से यह बात सामने आयी है कि अनिल शर्मा ने जेल में अपने मोबाइल नंबर से बेटे टूटू से 43 बार, पत्नी से 35 बार बात की। जांच में यह बात भी सामने आयी कि अनिल शर्मा का मोबाइल लगार दुमका में चार टावर लोकेशन में एक्टिव है। अनिल शर्मा ने इस नंबर पर डब्लू शर्मा से भी तकरीबन 60 बार बात की थी। डब्लू के सीडीआर जांच में यह बात सामने आयी है कि डब्लू के मोबाइल नंबर से अनिल शर्मा ने 60 बार, नालंदा में रहने वाले उसके भाई बबलू, रेलवे के ठेकेदार चटनी सिंह समेत अन्य से कई बार बात की है। सीआईडी ने अपने जांच में यह पाया कि अनिल शर्मा ने चंदन कुमार के नाम से फर्जी सिम निकलवाया था। चंदन पटना के आलमगंज का रहने वाला है। सीआईडी जांच में आए तथ्यों के आधार पर शर्मा व उसके सहयोगियों पर एफआईआर दर्ज की गई।

कुछ माह पूर्व राज्य की जांच एजेंसी और जेल प्रशासन थे आमने-सामने

दुमका सेंट्रल जेल में बंद कुख्यात अपराधी अनिल शर्मा द्वारा जेल से मोबाइल पर कॉल कर कारोबारियों से रंगदारी मांगने के मामले में पिछले महीने पुलिस व जेल प्रशासन आमने-सामने हो गये थे। एक तरफ जहां झारखंड पुलिस की दो जांच एजेंसी विशेष शाखा और सीआइडी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों पर नजर रखते हुए रिपोर्ट की थी। वहीं जेल प्रशासन ने अनिल शर्मा को क्लीन चिट दे दिया था। दोनों जांच एजेंसी ने अनिल शर्मा की गतिविधियों पर नजर रखते हुए रिपोर्ट की थी। जिसमें बताया गया था कि अनिल शर्मा दुमका जेल में बैठ कर रेलवे के ठेकों के लिए रंगदारी मांग रहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची पुलिस ने अनिल शर्मा के गुर्गे डबलू शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। पूरे मामले में दुमका जेल प्रशासन ने एक जांच कर रिपोर्ट दुमका एसपी व गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी थी, जिसमें जेल प्रशासन ने लिखा था कि अनिल शर्मा को सुरक्षा कारणों से 23 जुलाई 2017 को हजारीबाग से दुमका कारा लाया गया था, यहां उसे कारा प्रकोष्ठ में रखा गया है। कारा प्रकोष्ट में विशेष चौकसी होती है। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी लिखा था कि कारा के बूथ से अनिल शर्मा अपने परिजनों से घरेलू बातचीत भर करता है। इसकी रिकार्डिंग भी सुनी जा सकती है। इस रिकार्डिंग में धमकी दिये जाने संबंधी कोई बात नहीं है। जेल अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि जब इस संबंध में अनिल शर्मा से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि उसके असमय कारा मुक्ति का मामला हाइकोर्ट एवं राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद के समक्ष है। ऐसी परिस्थिति में वह कोई गलती नहीं कर सकता है।

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