नई दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष के सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत हुई। कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपने स्पीकर्स के क्रम में परिवर्तन किया। राहुल गांधी नहीं, गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा की शुरुआत की।
चर्चा की शुरुआत होते ही बीजेपी ने किया हंगामा
राहुल गांधी की जगह जब गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की तो भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बीजेपी सांसद पूछने लगे की जब राहुल गांधी इस पर चर्चा करने के लिए आने वाले थे तो अब अचानक बदलाव कर गौरव गोगोई को आगे क्यों किया जा रहा है।
मणीपुर की बेटी मांग रही इंसाफ- गोगोई
चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा,’यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लेकर आए हैं। मणिपुर का युवा इंसाफ मांगता है। मणीपुर की बेटी इंसाफ मांगती है। मणिपुर का किसान इंसाफ मांगता है। अगर मणिपुर प्रभावित हुआ है तो भारत प्रभावित हुआ है। हम सिर्फ मणिपुर की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि भारत की बात कर रहे हैं। हमारी अपेक्षा थी कि एक संदेश जाए कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश मणिपुर के साथ है, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री महोदय ने एक मौनव्रत लिया। ना लोकसभा में कुछ बोलेंगे ना राज्यसभा में कुछ बोलेंगे। इसलिए यह नौबत आन पड़ी है कि हम अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।
मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे?
गौरव गोगोई ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए। मोदी को मणिपुर पर कुछ बोलने के लिए 80 दिन क्यों लग गए। पीएम मोदी की तरफ से संवेदना का कोई शब्द या शांति की अपील क्यों नहीं की गई। मंत्री बोलें, कोई नहीं रोक रहा, लेकिन पीएम मोदी के शब्दों में जो वजन है, वह किसी मंत्री में नहीं है। हमारा तीसरा सवाल है कि पीएम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। गुजरात में चुनाव से पहले दो बार मुख्यमंत्री बदल दिए, उत्तराखंड, त्रिपुरा में भी मुख्यमंत्री बदल दिए। लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को विशेष आशीर्वाद क्यों?