JoharLive Desk
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी कि जनता के हक के लिए लड़ने वाले गैर-राजनीतिक संगठनों को विदेशी चंदा लेने से नहीं रोका जा सकता। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ) की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि गैर-राजनीतिक संगठनों या दलों को विदेशी चंदा लेने से नहीं रोका जा सकता। खंडपीठ की ओर से न्यायमूर्ति राव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बंद, हड़ताल आदि जैसे वैध तरीकों से जनता के हक के लिए लड़ने वाले संगठनों पर विदेशी चंदा नियमन कानून 2010 से संबंधित नियमवाली के नियम 3(vi) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और उसे विदेशी चंदा लेने से नहीं रोक सकता। खंडपीठ ने 23 पन्नों के अपने फैसले में कहा कि नागरिकों के हक के लिए मान्य कानूनी तरीकों से आंदोलन राजनीतिक गतिविधि नहीं है। न्यायालय ने कहा कि जो संगठन सक्रिय राजनीति या पार्टीगत राजनीति में शामिल नहीं हैं, वे संबंधित नियमावली के नियम तीन(छह) के तहत नहीं आयेंगे। इन संगठनों को विदेशी चंदा लेने के लिए तब तक कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जब तक कोई ठोस आधार न मिल जाये।