विवेक आर्यन 

रांची: भारत के 7 दशकों के इतिहास में आज तक कभी कोई मुख्यमंत्री सत्ता पर काबिज होते गिरफ्तार नहीं हुआ है. हालांकि ऐसे कई मुख्यमंत्री हैं, जिनपर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए मुकदमा चला है. लेकिन उनकी गिरफ्तारी मुख्यमंत्री रहते कभी नहीं हो सकी. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी की कार्रवाई के बाद उनकी गिरफ्तारी के कयास लगाए जा रहे थे. यदि ऐसा होता है, तो मुख्यमंत्री रहते हुए गिरफ्तार होने वाले वे पहले उदाहरण हो जाएंगे. हालांकि ये सब आकलन और कयास है, ऐसी कोई भी बात अबतक ईडी की तरफ से या मुख्यमंत्री की तरफ से नहीं कही गई है. दूसरी तरफ कई मुख्यमंत्रियों पर सत्ता पर बैठे रहने के दौरान मुकदमा जरूर चला, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी के पहले परंपरागत तौर पर मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी थी.

लालू यादव  

चारा घोटाला मामले में बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव पर 1997 में आरोप सिद्ध हुआ था, जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था और खुद जेल चले गए थे. 2005 तक रबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री रही थीं. लालू पर मुकदमा उनके सीएम रहते शुरू हुआ था, उन्हें सजा भी हुईं, लेकिन गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

जयललिता 

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पर भी भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने पर उन्हें भी जेल जाना पड़ा था. हालांकि जेल जाने से पहले उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था. इस मामले पर टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट कहती है कि उन्हें मुख्यमंत्री रहते ही गिरफ्तार किया गया था. लेकिन ऐसी कोई भी बात किसी अन्य रिपोर्ट में शामिल नहीं है. हालांकि जब जयलिलता पर आरोप सिद्ध हुए, तो वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जरूर थी. उन्होंने भी लालू की ही तरह पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद सौंप कर अपनी गिरफ्तारी दी थी.

बी एस येदुरप्पा

कर्नाटक में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री येदुरप्पा को भी भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध होने के बाद सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. साल 2011 में लोकायुक्त की रिपोर्ट के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. मामला अवैध खनन से जुड़ा था.

उपर्युक्त सभी मुख्यमंत्रियों पर अपनी कुर्सी भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध होने के बाद गंवानी पड़ी थी. लेकिन किसी को भी मुख्यमंत्री रहते गिरफ्तार नहीं किया गया. ऐसा क्यों?

क्यों नहीं हो सकती मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी

कानून के जानकारों की माने तो मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है. लेकिन उसके पहले विधानसभा अध्यक्ष से मंजूरी लेनी पड़ती है. हालांकि कानून के जानकार इसकी भी अलग-अलग व्याख्या करते हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानून की नजर में मुख्यमंत्री को किसी तरह की विशेष रियायत नहीं है. अनुच्छेद 61 के तहत केवल देश के राष्ट्रपति और राज्य के राज्यपालों के पास विशेष अधिकार है कि पद पर रहते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.

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