रांची : लैंड स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत का हवाला देते हुए हेमंत को भी जमानत देने की मांग की. वहीं ईडी की तरफ से एसएसजी एसवी राजू ने पक्ष रखा. हेमंत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने सारे तथ्य नहीं रखे हैं.
कोर्ट ने जताई नाराजगी
कोर्ट ने सवाल किया कि जब हेमंत ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था, तब कोर्ट को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गयी कि जमानत की अर्जी स्पेशल कोर्ट के सामने पेंडिंग है और निचली अदालत पहले ही चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है. कोर्ट ने कहा कि हमें मुवक्किल की नीयत सही नहीं लगती. आप दो-दो जगह कानूनी राहत के विकल्प खोज रहे थे. अगर हमें पता होता कि आपकी अर्जी कहीं और ही पेंडिंग है, तो हम ऐसी सूरत में आपको याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर ही नहीं करते.
कल भी हुई थी सुनवाई
इससे पहले मंगलवार को भी हेमंत सोरेन की एसएलपी पर सुनवाई हुई थी. करीब एक घंटे से ज्यादा बहस चली थी. बहस के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से कपिल सिब्बल ने अंतरिम जमानत दिये जाने के पक्ष में कई दलीलें पेश की थी. जिसका ईडी के अधिवक्ता ने विरोध किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख मुकर्रर की थी. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.
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