Joharlive Desk
पटना। बिहार में सरकार, पुलिस-प्रशासन, चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी के गंभीर प्रयास और जनता के लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की बदौलत पिछले दो दिनों में कोरोना संक्रमण का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है और राज्य में संक्रमितों की संख्या 32 पर स्थिर है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि पटना के राजेंद्र मेमोरियल इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आरएमआरआई), इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) और दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में कल देर रात तक कुल 708 कोरोना सैंपल की जांच की गई लेकिन रिपोर्ट में किसी के भी इस वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है। इस तरह राज्य में पिछले दो दिनों से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 32 पर स्थिर है।
इस बीच नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एनएमसीएच) में इलाजरत सीवान के चार युवकों की अंतिम सैंपल स्वाब जांच के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट कल शाम आई है। रिपोर्ट में इन युवकों को कोरोना निगेटिव पाया गया है। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
खाड़ी देश से 22 मार्च को भारत आए सीवान जिले के चार युवकों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आरएमआरआई) ने की थी। इसके बाद इन चारों का इलाज के बाद इनका स्वाब जांच कराया गया। 03 अप्रैल को आई दूसरी रिपोर्ट में भी इन्हें निगेटिव पाया गया था। इनमें से दो जिले के बरहरिया के, एक हसनपुरा और एक मरीज सरेया दरौली का रहने वाला है। चारो आबूधाबी, मस्कट, शारजाह और बहरीन से सीवान लौटे हैं।
इन चार युवकों के ठीक होने से बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल 32 मरीजों में से 10 ने कोरोना के खिलाफ जंग जीत ली है। इनमें से पटना के निजी अस्पताल की नर्स, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती दीघा थाना क्षेत्र निवासी एक महिला तथा एनएमसीएच में इलाजरत पटना सिटी के बटाऊकुआं और फुलवारीशरीफ के बवनपुरा के एक-एक युवक को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
वहीं, बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले पहले मरीज सैफ अली के संपर्क में आने से संक्रमित हुई मुंगेर जिले की चौरंबा निवासी एक विधवा महिला और बच्चे की स्वाब जांच की दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। ये दोनों भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में इलाजरत हैं। इन्हें भी 08 अप्रैल तक अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।