नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा तो छू लिया है, लेकिन अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू किंग मेकर की भूमिक में आ गये हैं. लोकसभा चुनाव में एनडीए को 292 सीटों पर जीत मिली है, वहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने 234 सीटें जीतीं हैं. इससे यह साफ है कि इस बार एनडीए का सामना एक मजबूत विपक्ष से होगा. भाजपा ने 240 सीटें जीती हैं. ऐसी स्थिति में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू देश की सत्ता के सूत्रधार होंगे.
जदयू ने 12 सीटें जीती है
देश में बनने वाली सरकार की मजबूती में नीतीश-नायडू की भूमिका अहम मानी जा रही है. बिहार में भाजपा और जदयू ने 12-12 सीटों पर चुनाव जीता है, वहीं लोजपा (आर) ने भी अपने कोटे की पांचों सीटें जीत ली हैं. उधर आंध्र प्रदेश में टीडीपी ने 25 में से 16 सीटों पर जीत दर्ज की है. नीतीश और नायडू हाल में ही भाजपा के साथ आये हैं. हालांकि इन दोनों के साथ भाजपा का रिश्ता बहुत पुराना रहा है.
10 साल बाद लौटा गठबंधन की अहमियत का दौर
देश में गठबंधन की अहमियत का दौर 10 साल बाद फिर लौटा है. जो जनादेश मिला है उसमें भाजपा अब अकेले सरकार नहीं बना सकती. एनडीए को 400 पार और भाजपा को 370 पार ले जाने की भाजपा की रणनीति कामयाब नहीं हो पायी. उत्तर प्रदेश ने भाजपा को काफी बड़ा झटका दिया है. उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां लोकसभा की 80 सीटें है. भाजपा के लिए पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह राज्य खेल बदलने वाला साबित हुआ है. पिछली बार 62 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा इसबार सिर्फ 33 सीटें जीत चुकी है. वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने भाजपा के खेल बिगाड़ दिया.