Johar live desk:दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में गुरुवार को भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने एक बार फिर सड़क हादसों का जिक्र किया और कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं का सामना किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हर साल हमारे यहां 4 लाख 80 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 1 लाख 80 हजार मौतें होती हैं, जो शायद दुनिया में सबसे ज्यादा है। इन मौतों में से 66.4% 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों की होती हैं और इससे जीडीपी को नुकसान होता है, जीडीपी में 3% की कमी आती है।”
गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं के लिए सिविल इंजीनियरों और सलाहकारों द्वारा तैयार की गई दोषपूर्ण विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और दोषपूर्ण सड़क डिजायन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा उपायों में तत्काल सुधार की जरूरत है और सड़क निर्माण उद्योग से नई प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ पुनर्चक्रणीय निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “भारत में सबसे खराब गुणवत्ता वाली डीपीआर बनाई जाती है। हमें स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विटजरलैंड जैसे देशों से सीखने की जरूरत है।” गडकरी ने खराब योजना और डिजायन के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि के लिए बड़े पैमाने पर इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “इससे मुझे लगता है कि सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए मूल रूप से इंजीनियर ही जिम्मेदार हैं। इसलिए, मुख्य समस्या सड़क इंजीनियरिंग और दोषपूर्ण योजना और दोषपूर्ण डीपीआर है।”गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें सड़क सुरक्षा से संबंधित नीतियों और मानकों को लागू करना, सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाना और सड़क सुरक्षा से संबंधित अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रही है और सड़क सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दे रही है।
Read also: झारखंड में सर्दी ने पकड़ी रफ्तार, हिमालय में बर्फबारी का असर बढ़ा
Read also: झारखंड सरकार का ऐलान, रसोइयों और सहायकों का मानदेय बढ़ेगा