Joharlive Desk
नई दिल्ली । निर्भया सामूहिक दुष्कर्म केस में दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। इसके साथ ही अब दोषी मुकेश के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं। हालांकि आज पटियाला हाउस कोर्ट में फांसी पर रोक लगाने वाली उसकी याचिका पर सुनवाई है, जिसके बाद ही मुकेश की फांसी पर कुछ कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि 7 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने ही दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। इसके अनुसार निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी होनी है।
बता दें कि मुकेश और विनय ने डेथ वारंट जारी होने के बाद क्यूरेटिव पिटीशन भी दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उसके बाद मुकेश ने हाईकोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने वाली याचिका डाली थी, जिसे खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने मुकेश को निचली अदालत में जाने की आजादी थी।
उसके बाद मुकेश ने पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए अर्जी डाली, जिस पर गुरुवार(16 जनवरी) को सुनवाई हुई और कोर्ट ने जेल प्रशासन को फांसी से संबंधित जेल के नियमों की लिखित रिपोर्ट पेश करने को कहा। इस रिपोर्ट को तिहाड़ प्रशासन आज(17 जनवरी) पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगा। उसके बाद तय होगा कि अदालत फांसी पर रोक लगाती है या उसी तारीख को फांसी होगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन आरोपों को सिरे से नकारा है जिसमें कहा गया कि दिल्ली सरकार दोषियों की फांसी को लटकाने का काम किया। उन्होंने कहा कि वो सभी काम जो दिल्ली सरकार के अधीन थे हमने कुछ घंटों में निपटा दिए।
हमने इस केस से जुड़े किसी काम में कभी देरी नहीं की। दिल्ली सरकार की इस केस में मुश्किल से ही कोई भूमिका रही। हम चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी हो।