Joharlive Desk
कोच्चि। केरल सोना तस्करी मामले में एक नया खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इस केस की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। बुधवार को जांच एजेंसी ने कोच्चि की स्पेशल अदालत को बताया कि कुछ आरोपियों के संबंध भगोड़े अपराधी और डॉन दाऊद इब्राहिम के गिरोह से हैं। इन आरोपियों ने कई बार अफ्रीकी देश तंजानिया का दौरा भी किया है, जहां अंडरवर्ल्ड डॉन का व्यापक नेटवर्क है।
आरोपियों ने सोना तस्करी मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों को चुनौती दी। आरोपियों ने तर्क दिया कि तस्करी आर्थिक अपराध के तहत आती है और मामले में कोई आतंकी एंगल शामिल नहीं था। इसके जवाब में अदालत में एनआईए ने कहा कि इस मामले के कुछ आरोपियों के देश विरोधी ताकतों से संबंध हैं।
अपनी बात को विस्तृत करते हुए एनआईए ने कहा कि आरोपी नंबर 5 केटी रमीज और आरोपी नंबर 13 एम शराफुद्दीन ने तंजानिया का कई बार दौरा किया और दाऊद के गुर्गे फिरोज ‘ओएसिस’ से मुलाकात की और देश में हथियारों की तस्करी के तरीकों पर चर्चा की। आतंक-रोधी एजेंसी ने बताया कि उसके इंटेलीजेंस इनपुट से जानकारी मिली कि इस सोने के तस्करी में मिली राशि को राष्ट्र-विरोधी और आतंकवादी गतिवधियों में इस्तेमाल किया गया था।
इससे पहले, रमीज कोझिकोड हवाई अड्डे पर तस्करी की रिवाल्वर के साथ पकड़ा गया था। लेकिन बाद में वह यह कहते हुए छूट गया कि वह शूटिंग एसोसिएशन का सदस्य था। उस पर जुर्माना लगाया गया और उसे रिहा कर दिया गया।
एनआईए ने बताया कि गिरफ्तार किया गया एक आरोपी मुहम्मद अली को कॉलेज के एक शिक्षक की हथेली को काटने का आरोप था, जिसने एक विवादास्पद प्रश्न पत्र तैयार किया था। हालांकि, 2015 में अली को अदालत ने बरी कर दिया।
एनआईए ने कहा कि देश के खिलाफ साजिश रचने वाले कुछ कट्टरपंथी संगठनों के साथ उसके करीबी संबंध थे। अदालत के शुक्रवार को अपना फैसला देने की उम्मीद है। यह पहली बार है जब तस्करी के मामले में आतंकवाद विरोधी कानून लागू किया गया।
वहीं, केरल के भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने कहा है कि डी कंपनी और आईएसआईएस के साथ सोने की तस्करी मामले में आरोपियों के संबंध मिले हैं। वहीं, राज्य सरकार इन तस्करों को बचाने में लगी हुई है। सीएम ने अपना नैतिक अधिकार खो दिया है, इसलिए हम मांग करते हैं कि वह तुरंत इस्तीफा दे दें।