लखनऊ : शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों के मामलों से निपटने के लिए एनआईए ने कार्रवाई तेज कर दी है. इसी क्रम में यूपी में माओवादियों के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई शुरू हो गई है. एनआईए ने बलिया में माओवादियों के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान प्रतिबंधित संगठनों के पर्चे बरामद किये गये हैं. इससे पहले यूपी एटीएस ने पिछले साल अगस्त में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में माओवादियों की तलाश में केंद्रीय एजेंसी द्वारा बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है. देश विरोधी साजिश के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बलिया में सीपीआई (माओवादी) के 11 ठिकानों पर छापेमारी की. इसके अलावा एजेंसी ने बिहार के कैमूर में भी छापेमारी की.
छापेमारी में एनआईए ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड और कई डिजिटल डिवाइस के साथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन के पर्चे और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं. एनआईए के मुताबिक, यूपी एटीएस ने अगस्त 2023 में बलिया में सीपीआई (माओवादी) के हथियार और गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेज और किताबें बरामद होने के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
10 नवंबर 2023 को एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ली. 9 फरवरी 2024 को एनआईए ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. एनआईए की जांच में पता चला कि प्रतिबंधित संगठन यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है. ऐसे में ऐसे संगठनों पर लगाम लगाने और उनसे जुड़े लोगों को कानून के दायरे में लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं.
सीपीआई (माओवादी) नेता, कैडर और समर्थक और ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. एनआईए की छापेमारी इसी सिलसिले में थी. जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं. केंद्र सरकार लगातार नक्सल और अर्बन नक्सल के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
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