Joharlive Desk
नई दिल्ली। देश की प्रमुख जांच एजेंसी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा इस वक्त पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ तमाम मामलों की जांच की जा रही है। अब तक एनआईए ने 100 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं पर आतंक सहित कई अन्य आपराधिक आरोप भी लगाए हैं, जिनमें आईएसआईएस के साथ संबंध, प्रोफेसर का हाथ काटने वाला मामला, नारथ शस्त्र प्रशिक्षण मामला सहित कई और शामिल हैं।
एनआईए के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कई मामलों में पीएफआई की जांच कर रही है, जिनमें नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए हंगामे में इसकी भूमिका, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों में इसकी भूमिका और साल 2018 में हुआ विदेश्ी फंडिंग घोटाला भी शामिल है।
ईडी पीएफआई और भीम आर्मी के बीच कथित संबंधों और उत्तर भारत में दलित हिंसा के लिए वित्तपोषण में उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है।
ईडी ने हाल ही में धनशोधन मामले में नौ राज्यों में पीएफआई के 26 परिसरों पर छापे मारे, जिनमें पीएफआई के चेयरमैन ओएम अब्दुल सलाम और उसके केरल प्रदेश अध्यक्ष नसरूद्दीन एलामारोम के ठिकानों पर की गई छापेमारी भी शामिल रही।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल सहित विभिन्न राज्यों की राज्य पुलिस भी इस वक्त पीएफआई और उससे संबंधित संगठनों के खिलाफ सैकड़ों मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में से कई में अभी तक चार्जशीट दाखिल किया जाना बाकी है।
बेंगलुरू हिंसा मामले में एनआईए के द्वारा हाल ही में पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के 17 सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है।