नई दिल्ली : एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों को आज यानी (3 मई) सोमवार से ज्यादा किराया देना पड़ेगा. दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देशभर में टोल दरों में औसतन पांच फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. हर साल एक अप्रैल को टोल दरों में संशोधन किया जाता है. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के कारण बढ़ोतरी टाल दी गई.

एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि नई टोल दरें तीन जून से लागू होंगी. टोल दरों में बदलाव थोक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में बदलाव से जुड़ी दरों को संशोधित करने की सालाना कवायद का हिस्सा है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 855 टोल प्लाजा हैं, जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के अनुसार शुल्क लिया जाता है. इनमें से 675 सार्वजनिक वित्त पोषित टोल प्लाजा हैं. जबकि 180 रियायतग्राहियों द्वारा संचालित हैं. टोल दरों में बढ़ोतरी के बाद दिल्ली से मेरठ और दिल्ली से हापुड़ तक के सफर के लिए करीब आठ रुपये अधिक चुकाने पड़ सकते हैं, जबकि गाजियाबाद से अलीगढ़ के बीच लुहारली टोल पर सात रुपये अधिक चुकाने पड़ सकते हैं. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-हापुड़ एक्सप्रेसवे और गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे पर टोल वसूलने का काम निजी कंपनियों के पास है. अनुबंध के मुताबिक हर साल टोल शुल्क बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन इन कंपनियों को टोल दरें तय करने का अधिकार नहीं है, बल्कि एनएचएआई खुद दरें तय करती है.

जेब पर पड़ेगा इतना बोझ

दिल्ली (सराय काले खां) से मेरठ तक के सफर के लिए हल्के निजी वाहनों को एकतरफा यात्रा के लिए 160 रुपये टोल शुल्क देना पड़ता है, जो बढ़कर 168 रुपये हो सकता है और हल्के व्यावसायिक वाहनों (एलसीवी) को 250 रुपये की जगह 262 रुपये टोल शुल्क देना पड़ेगा. इसी तरह, दिल्ली (सराय काले खां) से हापुड़ तक हल्के निजी वाहनों के लिए टोल शुल्क 165 रुपये से बढ़कर 173 रुपये हो जाएगा, जबकि हल्के व्यावसायिक वाहनों (एलसीवी) को 265 रुपये की जगह 278 रुपये टोल शुल्क देना पड़ सकता है. गाजियाबाद और अलीगढ़ के बीच लुहारली टोल पर निजी वाहनों को 140 रुपये देने पड़ते हैं, जो बढ़कर 147 रुपये हो सकता है.

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