रांची । देवघर के नवनिर्मित एयरपोर्ट को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने ‘एरोड्रम’ यानी अपग्रेडेड 4सी का लाइसेंस दे दिया है। इस अपग्रेडेशन के बाद देवघर एयरपोर्ट से एयरबस 321 के साथ ही बोइंग 737 और भारी मालवाहक विमान भी उड़ान भर सकेंगे।
इस बारे में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है कि देवघर हवाई अड्डे के अपग्रेड हो जाने से अब वाणिज्यिक विमानों के परिचालन का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। यह पूरे संथाल के लिये गौरव की बात है।
देवघर एयरपोर्ट की विशेषता : देवघर एयरपोर्ट के निर्माण पर कुल 401.34 करोड़ रुपये खर्च हुए। एयरपोर्ट लगभग 653.75 एकड़ जमीन पर फैला है। देवघर एयरपोर्ट पर 2500 मीटर यानी ढाई किलोमीटर लंबा रनवे है। झारखंड के अलावा बिहार और बंगाल के यात्री यहां से भर सकेंगे उड़ान।
देवघर एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू होने से झारखंड के अलावा पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को काफी सुविधा होगी। कोलकाता, पटना, बागडोगरा और रांची एयरपोर्ट के बीच में देवघर एयरपोर्ट होने से यहां यात्रियों की संख्या भी भरपूर रहेगी। पहले चरण में यहां से 180 क्षमता वाले विमान की हवाई सेवा शुरू होगी। इसके बाद यहां से 320 क्षमता वाले विमान उड़ान भरेंगे।
देवघर के नवनिर्मित एयरपोर्ट का उद्घाटन 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों होगा। प्रधानमंत्री सबसे पहले देवघर एयरपोर्ट आएंगे और इसका उद्घाटन करेंगे। इसके बाद एयरपोर्ट से सड़क मार्ग होते हुए देवघर बाबा मंदिर पहुंचेंगे और दर्शन करेंगे। यहां तकरीबन 45 मिनट का कार्यक्रम तय किया गया है। इसके बाद वे देवघर कॉलेज मैदान में कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। देवघर एयरपोर्ट से ही एम्स के 200 बेड अस्पताल का भी उद्घाटन होग। इसके अलावा कई अन्य योजनाओं की आधारशिला और शिलान्यास का कार्यक्रम भी यहीं से संपन्न होगा।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को देवघर एयरपोर्ट परिसर में उच्च स्तरीय बैठक की गई थी। बैठक में झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, नागरिक विमानन मंत्रालय भारत सरकार के सचिव राजीव बंसल, संयुक्त सचिव नागरिक विमानन मंत्रालय भारत सरकार रुबीना अली, देवघर डीसी और अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।