Water Tax : शहरी क्षेत्र में 3.80 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से अब वाटर टैक्स देना होगा. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों को वाटर टैक्स से मुक्त रखा गया है. इस संबंध में शुक्रवार को राज्य सरकार ने नए वाटर टैरिफ-2023 तैयार कर विभागीय नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जिसे पहली अप्रैल से पूरे राज्य में लागू कर दिया जायेगा.
पांच हजार लीटर तक पानी फ्री नहीं, ग्रामीण क्षेत्र का वाटर टैक्स शून्य
Water Tax : अब नगर निगम, नगर पालिका और शहरी अधिसूचित क्षेत्र में पांच हजार लीटर तक पानी फ्री नहीं मिलेगा. केवल ग्रामीण क्षेत्र में निर्मित नहर से पानी इस्तेमाल पर 4.30 रुपये प्रति हजार लीटर भुगतान करना होगा. एपीएल और बीपीएल स्लैब को भी हटा दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्र का वाटर टैक्स शून्य रखा गया है. केवल नहर से पानी इस्तेमाल पर 4.30 रुपये प्रति हजार देना होगा. ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अन्य स्रोत से इस्तेमाल पानी पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.
ओवरऑल 7.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी
Water Tax : औद्योगिक क्षेत्र के आवासीय परिसर को इंडस्ट्रियल रेट से बाहर कर दिया गया है. इसे 4.30 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से वाटर टैक्स देना होगा. ओवरऑल 7.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी है. यह मुद्रास्फीति की दरों के आधार पर औसत वृद्धि है. एक अप्रैल से अब इसी प्रतिशत से बढ़ोतरी की जाएगी. सरकार ने तर्क दिया है कि ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में लागू वाटर टैक्स स्लैब पर विचार करने के बाद इसे झारखंड में लागू किया जा रहा है.
लेट पेमेंट सरचार्ज दो प्रतिशत किया गया
Water Tax : अब पानी के स्रोत को तीन भाग में बांटा गया है. इसमें प्राकृतिक जलस्रोत (नदी, नाला, जलधारा), जलाशय एवं जलाशय की डाउन स्ट्रीम और निर्मित नहर आदि शामिल हैं. नये वाटर टैरिफ में कहा गया है कि लेट पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) को 10 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में अगर उपभोक्ता अपने पूरे वर्ष के वाटर टैक्स की राशि जमा करा देते हैं, तो उन्हें वाटर टैक्स के बिल में प्रतिशत तक छूट दी जाएगी.