सदर हॉस्पिटल में हीमोफीलिया को लेकर वर्कशॉप का किया गया आयोजन
रांची : राजधानी रांची के सदर हॉस्पिटल में शुक्रवार को हीमोफीलिया को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया. वर्कशॉप में रांची के अलावा कई जिलों के डॉक्टर शामिल हुए. इस अवसर पर मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि हीमोफीलिया की जांच और इलाज में नए रिसर्च हो रहे हैं. वहीं इंट्रावेनस ड्रग्स की जगह सबक्यूटेनस इंजेक्शन देने से मरीजों को राहत हुई है. उन्होंने कहा कि दवाएं अब सदर हॉस्पिटल के स्तर पर भी मिल रही है. नई दवाओं का असर लंबे समय तक रहता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप के आयोजन का उद्देश्य यह था कि सभी को नई तकनीकों से अवगत कराया जाए. सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार के अलावा हीमोफीलिया सोसायटी की डॉ मिनी रानी अखौरी समेत अन्य मौजूद थे.
हीमोफीलिया पर सीएमई एवं अवेयरनेस कार्यक्रम में निदेशक प्रमुख डा. विरेंद्र कुमार सिंह ने काफी विस्तार से हीमोफीलिया के बारे में जानकारी प्रदान की. क्षेत्रीय निदेशक डा. विनोद कुमार ने हीमोफीलिया के ईलाज के सम्बन्ध में जानकारी दी. अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्सक डा के घोष ने हीमोफीलिया के बारे में नये रिसर्च के बारे में विस्तार से अवगत कराया. निदेशक डा जान एफ कैनेडी ने हीमोफीलिया रोगियों को प्रशासनिक समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया. डा. मेजर रविशंकर ने बच्चों में हीमोफीलिया की समस्या एवं बोन मैरो ट्रांसप्लान्टेशन के बारे में विस्तार से चर्चा की. शिशु रोग विशेषज्ञ डा. मिनी रानी अखौरी ने हीमोफीलिया सोसाइटी के कार्यों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. हीमोफीलिया सोसाइटी के चेयरमैन डा. गोविन्द जी सहाय ने हीमोफीलिया रोगियों के अधिकार और उनके प्रति समाज और सरकार के कर्तव्य पर ध्यान आकर्षित किया. हीमोफीलिया सोसाइटी के सचिव संतोष कुमार जायसवाल ने केंद्र सरकार की नई नीतियों के बारे में जानकारी दी. पैनल डिस्कसन के दौरान जटिल केसों के बारे में चर्चा की गई. मंच संचालन डा. स्वाति शर्मा ने किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल सर्जन डा. प्रभात कुमार ने की. इस अवसर पर डीपीएम प्रवीण कुमार सिंह, डैम तारापद जी, डीपीसी प्रीति चौधरी, डीडीएम संजय तिवारी, का महत्वपूर्ण सहयोग रहा.