पलामू : ग्राहकों के लॉकर से करोड़ों के गहने निकाल कर गिरवी रखने के मामले की जांच में एक और नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि ज़िला मुख्यालय मेदिनीनगर के धर्मशाला रोड स्थित पंजाब नैशनल बैंक के शाखा में खाता संचालित करने वाले कई ग्राहकों के खाते से अवैध रूप से पैसे की निकासी हुई है। अब तक की जांच में कुल गबन की गई राशि तकरीबन 45 लाख रुपये तक होने का अनुमान है। कारनामे का आरोप बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार पर है। 2 ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों की मदद से यह घोटाला किया गया है। आरोपी फिलहाल जेल में है।
बैंक मैनेजर रामा शंकर शर्मा ने इस संबंध में शहर थाने में प्रशांत कुमार,ग्राहक सेवा केंद्र संचालक ज्ञानचंद कुमार सिंह और अरुण कुमार सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन तीनों लोगों की मिलीभगत से ग्राहकों के पैसे गलत तरीके से निकाले गए। कुछ राशि अकाउंट के जरिए ट्रांसफर की गई । इसमें पता चला है कि प्रशांत के करीबी रिश्तेदार अरविंद कुमार राय,शैलेन्द्र कुमार राय के खाते में बहुत से ग्राहकों का अनाधिकृत लेन देन हुआ है। इसी तरह ग्राहक सेवा केंद्र के ज्ञानचंद, अरुण की पत्नी पूनम देवी, बेटा सर्वजीत कुमार सिंह,अनिल कुमार व जीपी ट्रेडर्स के खातों का इस्तेमाल गलत कार्य के लिए किया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
सुआ के रहने वाले झरि सिंह की पत्नी लकमिनी देवी की मौत 12 अगस्त 2020 को हो गई ।उनका खाता पंजाब नेशनल बैंक में है। पत्नी के खाता से पैसा निकासी के लिए कागजी प्रक्रिया के लिए झरि गत 25 अक्टूबर 2021 को बैंक पहुंचे। खाते की जांच के दौरान पाया गया कि उनकी मृत्यु के बाद 2 बार खाता से पैसे की निकासी हुई है। 30 अप्रैल 2021 को 15 हज़ार और सात जून 2021 को 4100 रुपये निकाले गए।
इसी तरह सुआ के ही रहने वाले धर्मराज सिंह की पत्नी राजकौरी देवी ने अपने खाते से अवैध निकासी की शिकायत 27 अक्टूबर 2021को बैंक से किया। राजकौरी के अकाउंट से 21 अक्टूबर 2021 को 1.10 लाख रुपये अनिल कुमार नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किया गया था। उसी दिन यह पैसा निकाल भी लिया गया था। बैंक ने आंतरिक मुख्य लेखा परीक्षक अविराम कुमार को मामले की जांच के लिए प्रतिनियुक्त किया। लेखा परीक्षक ने 20 नवंबर को जांच रिपोर्ट सौंप दिया। जांच में पाया गया कि अधिकांश मामलों में अंगूठा लगाने वाले अनपढ़ ग्राहकों के खाते में सेंधमारी की गई।
तत्कालीन डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार ने ग्राहकों के खाते से पैसे निकालने के लिए सुआ में संचालित दो ग्राहक सेवा केंद्र ज्ञानचंद कुमार सिंह और अरुण कुमार सिंह को अपने प्लानिंग में शामिल किया। केंद्र संचालक बैंक को एक पत्र लिखते थे कि बायोमैट्रिक डिवाइस काम नहीं करने के कारण ग्राहक के अंगूठे का निशान सत्यापित नहीं हो पाया। इसके बाद वाउचर में केंद्र संचालक द्वारा अंगूठा निशान सत्यापित कर बैंक से पैसा निकाला गया।
दोनों केंद्र संचालक ने बैंक द्वारा जांच के क्रम में लिखित जानकारी दिया कि डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार के कहने पर उन्होंने यह काम किया। प्रशांत उन्हें ग्राहकों का खाता नंबर और निकासी की रकम बताता था। उसके निर्देश पर वह अंगूठा और हस्ताक्षर का सत्यापन करते थे। ज्ञात हो कि 14 सितंबर 2021 को इस पूरे खेल की पहली परत खुली थी। पता चला था कि बैक के लॉकर में रखे ग्राहकों के गहने गायब हो गए। सबसे पहले कृषि वैज्ञानिक ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद धीरे-धीरे हर दिन गबन से जुड़े नए खुलासे होने गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए लॉकर से निकाले गए अधिकांश आभूषण बरामद कर लिए। वहीं आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।