रांची : ठंड का मौसम आते ही जंगल और नक्सल इलाका सफेद और गुलाबी फूल की खेती से भर जाता है. खेती कर रहे व्यक्ति तस्करों से संपर्क करना शुरु कर देते है. लेकिन, इस बार झारखंड पुलिस ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है, जिससे सफेद और गुलाबी फूलों की खेती होने से पूर्व कार्रवाई शुरु हो गई है. पुलिस ने खेती करने वाले और तस्करों पर लगाम कसने के लिए कई बिंदुओं पर कार्रवाई करना शुरु कर दिए है. डीआईजी अनूप बिरथरे ने कहा कि पांचों जिलों के पुलिस अधीक्षक को दिशा-निर्देश दिए गए है. वहीं, सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने भी जिला के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर कई निर्देश दिए है.

अफीम तस्करों के खिलाफ शुरु हुई सीसीए की कार्रवाई

डीआईजी अनूप बिरथरे ने कहा कि अफीम तस्करों के खिलाफ पुलिस अधीक्षकों को सीसीए के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जेल से निकले अफीम तस्करों का झारखंड पुलिस नजर बनाएं हुए है. वैसे अफीम तस्करों पर पुलिस की विशेष नजर है, जिनपर आरोप पत्र दायर हो चुका है. पुलिस के पदाधिकारी को खूंटी, रांची और चाईबासा के सीमावर्ती इलाका में विशेष नजर रखने का निर्देश मिला है.

चौकीदार, ग्राम पंचायत, वन गार्ड समेत अन्य लोगों को मिली है जिम्मेदारी

अफीम की खेती पर रोकथाम के लिए डीआईजी ने पुलिस अधीक्षकों को पंचायत, वन कर्मी, सुरक्षा दस्ता और ग्राम प्रधान से संपर्क कर बातचीत करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा कहा है कि सभी से बातचीत कर सूचना का अदान-प्रदान करने को बोला है. अगर, सूचना नहीं देने की स्थिति में संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को भी बोला गया है.

ठंड में बड़े पैमाने पर होती है अफीम की खेती

ठंड का मौसम शुरु होते ही अफीम की खेती शुरु होने लग जाती है. जंगल और नक्सल इलाका में सबसे ज्यादा अफीम की खेती होती है. खूंटी और रांची इलाके में उपजने वाले अफीम का ज्यादा डिमांड पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य जगहों में होता है. इस मौसम में दूसरों राज्यों के तस्करों का आना-जाना शुरु हो जाता है.

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