रांचीः जिला भू-अर्जन कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण रैयतों को अब तक मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाया है. जबकि, काम पूरा हो चुका है. जानकारी के अनुसार अमरेश्वर धाम से तुपुदाना चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए जिन रैयतों की जमीन तो ले ली गयी है पर उन्हें मुआवजे का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. सड़क चौड़ीकरण काम भी पूरा हो गया है, लेकिन रैयतों को मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है. जबकि, यह परियोजना वर्ष 2018 की थी. इसमें अवार्ड ( मुआवजा) भी तय कर दिया गया है और इसके लिए 40 करोड़ की राशि भी दे दी गयी है, लेकिन मुआवजे के लिए प्रभावित रैयत भू-अर्जन कार्यालय का हर दिन चक्कर लगा रहे हैं.
भू-अर्जन कार्यालय से मुआवजा भुगतान नहीं किए जाने का कारण और भुगतान कब तक किया जाएगा इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है. जबकि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया वर्ष 2021 में ही पूरी कर ली गयी थी.
मुआवजा भुगतान के लिए रांची जिला भू-अर्जन कार्यालय ने 16 नवंबर 2022 को ही 17 लोगों की पहली सूची जारी कर आपत्ति मांगी थी. आपत्ति दर्ज कराने के लिए सात दिनों का समय दिया गया था. आपत्तियों का निराकरण भी कर दिया गया, लेकिन मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया. इस सड़क के निर्माण में पुगड़ू, हुलहुंडू, घुटिया और बेरमाद मौजा के रैयतों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
संत फ्रांसिस स्कूल से आईटीआई हेहल तक सड़क चौड़ीकरण के मुआवजे का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है. इस परियोजना के रैयत भी मुआवजे के लिए भू-अर्जन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
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