नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी उत्पादों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने पर बल देते हुए कहा है कि इससे जनजातीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होगा।
श्री मुंडा ने आदिवासी समाज की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि वन उपज की खरीद प्राथमिकता से की जानी चाहिए और उनके मूल्यवर्धन पर जोर दिया जाना चाहिए. यह समीक्षा बैठक कल देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित की गई। इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों, जनजातीय मामलों के मंत्रियों संबंधित एजेंसियों के , अधिकारियों और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता, मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर, ट्राइफेड के महाप्रबंधक प्रवीर कृष्णा भी बैठक उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि 17 राज्यों ने 40 करोड़ रुपये तक की वनोपज खरीद कर ली है। पांच और राज्य जल्द ही खरीद की प्रक्रिया आरंभ कर देंगे। सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि जनजातीय लोगों को उनके उत्पादों के लिए सही मूल्य प्राप्त हो।