JoharLive Team

  • पतरातू के हज़ारों ग्रामीणों को मिला रोजगार।
  • घाटी से लेकर डैम तक बढ़ रहा है कारोबार।

रांची : प्राकृतिक खूबसूरती से परिपूर्ण झारखंड के पर्यटन स्थल आज भी विकास की राह देख रहे हैं लेकिन पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के लिए झारखंड में निश्चित तौर पर अपना कदम बढ़ा लिया है। पतरातू डैम पर बना रिजॉर्ट, इको फ्रेंडली पार्क, अम्यूजमेंट पार्क, बोटिंग व्यवस्था इसी का एक उदाहरण है। रांची और आसपास के क्षेत्रों में बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध पतरातू घाटी विकसित होने के बाद लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसका सीधा असर स्थानीय लोगों कि रोजगार उनकी आय पर दिखने लगा है।

घाटी से लेकर डैम तक आसपास के हजारों ग्रामीण अपनी रोजी रोटी के लिए स्टॉल लगा रहे है। सैकड़ों की संख्या में वोट, हजारों की संख्या में ठेले खोमचे वाले। इसके साथ ही तरह-तरह के खिलौने, फोटोग्राफी और बच्चों के लिए छोटी गाड़ियां जैसे बिजनेस ऑफचल पड़े हैं। गांव की महिलाओं द्वारा लकड़ी की बनी मूर्तियां और हैंडीक्राफ्ट भी पर्यटकों को खूब भा रहा है।

लाखों के कारोबार का साक्षी बन रहा पतरातू

खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में लिखिए पतरातू डैम आज लाखों के कारोबार का साक्षी बन रहा है। बातचीत के दौरान दुकानदारों ने बताया कि वह हर दिन औसतन ₹10000 का बिजनेस करतेके हैं। हजारों की संख्या में मौजूद यह दुकानदार लाखों का कारोबार करने में सक्षम है। इस के अलावा रिसॉर्ट में नौकरी कर रहे लोग भी हैं

अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित करने की जरूरत है

पतरातू की ही तरह जोन्हा, दशम और हुंडरू जैसे फॉल भी विकास की राह देख रहे हैं। यदि इन झरनों को भी विकसित किया जाए तो वहां भी पर्यटन के माध्यम से भारी संख्या में रोजगार का सृजन हो सकता है। पूरे राज्य में ऐसे सैकड़ों स्थल है जिन्हें मामूली खर्च से विकसित किया जा सकता है। पतरातू की बदली दशा को देखते हुए यह कदम और भी जरूरी हो गया है।

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