नई दिल्ली: सोमवार को नीति आयोग के द्वारा जारी एक नए पेपर के अनुसार, अनुमानित 24.8 करोड़ भारतीय लोग पिछले नौ वर्षों में बहुआयामी गरीबी (मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी) से बाहर निकल गए हैं.  जिसमें यूपी और बिहार में सबसे बड़ा सुधार दर्ज किया गया है. इसमें सबसे ज्यादा करीब 6 करोड़ लोग उत्तर प्रदेश के हैं. मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी यानि बहुआयामी गरीबी की गणना स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, मातृ स्वास्थ्य और बैंक खातों सहित 12 मापदंडों के आधार पर की गई है. नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद और वरिष्ठ सलाहकार योगेश सूरी ने बताया कि वर्ष 2019-21 में 15% और 2013-14 में 29.2% से घटकर 2022-23 में 11.3% होने का अनुमान है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुधार की सराहना करते हुए ट्वीट कर कहा कि ये बहुत उत्साहजनक है. उन्होंने आगे कहा कि ‘समावेशी विकास को आगे बढ़ाने और हमारी अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलावों पर ध्यान केंद्रित करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हम सर्वांगीण विकास और प्रत्येक भारतीय के लिए समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगे.

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