रांची: राजधानी के शाहदेव नगर के नाले में फल व्यवसायी के बहने के 15 घंटे बाद गुरुवार को पहुंची एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुट गई है. इधर खुले नाले में फल व्यवसायी के बहने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सूचना पर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक सीपी सिंह और रांची से सांसद संजय सेठ ने व्यवसायी के नाले में बहने के लिए रांची नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है.
विधायक ने कहा कि नगर निगम के नाले को स्लैब से न ढंकवाने के कारण हादसा हुआ. विधायक सीपी सिंह ने कहा कि विधायक फंड से जितने भी नालियों का निर्माण कराया गया है, उसमें स्लैब से नाले को ढंकने की भी योजना है. फिर नाले को क्यों नहीं ढंका गया.
सांसद ने भी मौका मुआयना किया
इससे पहले बुधवार रात को घर लौटते वक्त फल व्यवसायी अजय प्रसाद पैर फिसलने से पंडरा थाना क्षेत्र के शाहदेव नगर के नाले में बह गए थे. गुरुवार को भी रांची नगर निगम की टीम की ओर से खोजबीन की जा रही थी. इधर, स्थानीय विधायक सीपी सिंह और रांची सांसद संजय सेठ सूचना पर गुरुवार को घटना स्थल का मुआयना करने पहुंचे. यहां दोनों नेताओं ने इस घटना के लिए रांची नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया.
मेयर और नगर आयुक्त में टकराव
बता दें कि रांची नगर निगम की मेयर का नगर आयुक्त से टकराव पहले से ही चल रहा है. मेयर कई बार नगर आयुक्त पर मनमानी करने और उनके आदेशों का अनुपालन न करने का आरोप लगा चुकी हैं. हाल ही में मेयर ने नगर आयुक्त को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. मेयर केंद्रीय शहरी एवं आवास विकास मंत्री हरदीप पुरी तक से नगर आयुक्त की शिकायत कर चुकी है.
स्लैब से न ढंकने से हुआ हादसा
इधर, रांची विधायक सीपी सिंह ने घटनास्थल के मुआयने के बाद कहा कि उनके विधायक फंड से जितनी भी नालियों का निर्माण कराया गया है, उसमें स्लैब ढंकने की भी योजना है. लेकिन स्लैब नही ढंकने की वजह से यह हादसा हुआ है.
सीपी सिंह ने कहा कि रांची नगर निगम को इस ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन कहीं ना कहीं रांची नगर निगम द्वारा बड़े और खतरनाक नालों को ढंकने की दिशा में काम नहीं किया जा रहा है और वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है. जबकि उनके कार्यकाल में भी बड़े नालों को चिन्हित किया गया था, लेकिन अब तक इन नालों को ढंकने का काम नहीं किया जा सका है.
15 घंटे बाद पहुंची एनडीआरएफ
बुधवार रात नाले में फल व्यवसायी के बहने के बाद पुलिस ने एनडीआरएफ को सूचना दी है. लेकिन एनडीआरएफ की टीम रात में नहीं पहुंची, एक बार फिर रांची डीसी के माध्यम से एनडीआरएफ टीम को सूचना दी गई. बाद में 15 घंटे बाद पहुंची एनडीआरएफ की टीम तलाश में जुट गई थी.