गिरिडीह/कोडरमा। गिरिडीह-कोडरमा बॉर्डर पर स्थित पंचखेरो डैम में डूबे लोगों की तलाश दूसरे दिन भी जारी है। एनडीआरएफ की टीम ने दूसरे दिन डैम में डूबे व्यक्तियों में से तीन लोगों का शव निकाला है। मृतक सीताराम यादव व सेजल शव निकाला गया है। घटना के दूसरे दिन सुबह से ही दोनों जिला के अधिकारियों यहां पहुंच गए। वहीं एनडीआरएफ रांची की टीम सरोज कुमार के नेतृत्व में लगातार अपना काम कर रही है। इस घटना में तैर कर बाहर निकले प्रदीप सिंह ने जो कहानी बतायी है वह मौत के मंजर को दर्शाती है।
प्रदीप ने बताया कि तीन बाइक पर सवार होकर अलग – अलग तीन परिवार के लोग पंचखेरो डैम घूमने गए थे। यहां पर डैम किनारे खडे नाविक रोहित से बात की तो उसने 300 रुपया में डैम में नौका – विहार करवाने की बात कही। इसके सभी 9 लोगों को नाव में बैठाकर नाविक डैम में उतरा। थोड़ी देर में नाव के अंदर पानी भरने लगा और नाव डूब गया। प्रदीप बताते हैं कि इस दौरान दो बच्चों का हाथ पकड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन वे असफल रहे। इसके बाद वह और नाविक तैर कर बाहर निकल गया। बाद में नाविक फरार हो गया।
खेती गांव के निवासी तीन परिवार के नौ सदस्य नाव पर सवार हुए थे। रविवार की छुट्टी के कारण तीनों परिवार के बच्चे बोटिंग करने की जिद कर रहे थे। बच्चों की खुशी के लिए अभिभावक भी तैयार हो गये और रविवार की सुबह करीब आठ बजे तीनों परिवार के लोग बाइक से ही बच्चों की लेकर डैम के लिए निकल गये। नाव पर प्रदीप अपने दो बच्चों पलक व शिवम, सीताराम यादव अपने तीन बच्चों सेजल कुमार, राजकुमार ऊर्फ हर्षल यादव तथा 3 वर्षीय समक्ष श्री तथा इसी गांव के दो किशोर राहुल सिंह व अमित सिंह सवार हुए थे और इस हादसे का शिकार हो गए। प्रदीप तो बच निकला लेकिन उसके दोनों बच्चों का पता नहीं चल सका है। जबकि सीताराम व सेजल की लाश मिली है।
दूसरी तरफ इस घटना के बाद रविवार की दोपहर से कोडरमा जिले के डीसी आदित्य रंजन, एसपी कुमार गौरव, गिरिडीह के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू यहां डटे रहे। इनके अलावा खोरीमहुआ एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो, धनवार थाना प्रभारी नागेंद्र कुमार के साथ दोनों जिले के कई अधिकारी डटे हुए हैं।