नई दिल्ली : एनडीए की बैठक में नरेंद्र मोदी के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद एनडीए ने राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. एनडीए नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पत्र सौंप दिया है. इससे पहले एनडीए संसदीय दल की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नरेन्द्र मोदी के नाम का प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्ताव दिया. इसे गृहमंत्री अमित शाह समेत नितिन गडकरी, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, एलजेपी के चिराग पासवान, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, एलजेपी से चिराग पासवान, हम से जीतन राम मांझी और जन सेना के पवन कल्याण ने अपना समर्थन दिया. बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल भी शामिल रहे. 9 जून को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे.
संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद सीधे अडवाणी के घर गये
एनडीए के संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी संसद के सेंट्रल हॉल से सीधे लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे. यहां उन्होंने आडवाणी से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया. उन्होंने आडवाणी के स्वास्थ्य को लेकर भी जानकारी ली. इसके बाद मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के घर पहुंचे. उनसे मुलाकात करे के बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मोदी ने मुलाकात की.
किसी भी बड़े काम से पहले आडवाणी-जोशी का लेते हैं आशीर्वाद
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी कोई भी बड़ा काम करने के पहले आडवाणी और जोशी से मुलाकात करने जरूर जाते हैं. इससे पहले जब आडवाणी को भारत रत्न दिया गया था, तब मोदी उनके आवास पर पहुंचे थे. आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं और वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं. वहीं 90 साल के जोशी भी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं. आडवाणी और जोशी राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. जोशी ने 1991 से 1993 के बीच पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम किया.