रांची: शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की बैठक होटल बीएनआर चाणक्य में डा. आशा लकड़ा और निरुपम चाकमा की अध्यक्षता में हुई. जिसमें बोकारो स्टील प्लांट से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई. यह बैठक एससी/एसटी इंप्लाइज एसोसिएशन द्वारा 22 अगस्त को उठाई गई आपत्तियों के संदर्भ में आयोजित की गई थी. इस दौरान बोकारो स्टील प्लांट के चेयरमैन और निदेशक उपस्थित नहीं थे. हालांकि उन्होंने बाद में दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय में जाकर माफी मांगी. आयोग ने बैठक में बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों से सवाल किए और जवाब मांगा है. आयोग ने बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन से इन सभी मुद्दों पर डाटा और पूरी जानकारी भी मांगी है.

ये है मुख्य मुद्दे

  • भूमि अधिग्रहण और मुआवजा: बोकारो स्टील प्लांट के लिए 26,908.56 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिससे 49 गांव प्रभावित हुए. अधिकारियों ने यह बताया कि विस्थापितों को मुआवजा मिला या नहीं, इसकी जानकारी उनके पास नहीं है.
  • रोजगार: प्लांट में 17,844 लोगों को नौकरी दी गई है, लेकिन आयोग ने एसटी कर्मियों की सूची और विस्तृत रिपोर्ट की मांग की.
  • निर्णायक पदों में अनुपस्थिति: बोकारो स्टील प्लांट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कोई एसटी अधिकारी नहीं है.
  • स्कूल और कौशल विकास: प्लांट द्वारा खाली जमीन पर 18 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन विस्थापितों के बच्चों को लाभ नहीं मिल रहा है. कौशल प्रशिक्षण के नाम पर केवल एक आईटीआई है, जिसमें 300 विद्यार्थी हैं. जिनकी संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
  • सीएसआर का कार्यान्वयन: सीएसआर के तहत विस्थापितों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लाभ पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. आयोग ने निर्देश दिया कि स्कूल फीस में छूट भी प्रदान की जाए.
  • रिक्तियां और प्रमोशन: एसटी कर्मियों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है और बैकलॉग में भी कोई रिक्ति नहीं है.

 

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