Joharlive Team
रांची। कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में जहां प्रदूषण पर नियंत्रण हुआ था. वहीं अनलॉक में वाहनों के संचालन में छूट मिलने के बाद एक बार फिर से प्रदूषण पैर पसारता जा रहा है। एनसीएपी(राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम) के तहत 23 राज्य सूचीबद्ध हैं। कार्बन कॉपी और रेस्पायरर लिविंग की ओर से एनसीएपी में सूचीबद्ध राज्यों में PM 10 के मामले में दिल्ली, झारखंड और उत्तर प्रदेश को देश का सर्वाधिक प्रदूषित राज्य बताया गया है। इसमें झारखंड का दूसरा स्थान है।
कार्बन कॉपी और रेस्पायरर लिविंग की तरफ से किए गए अध्ययन में एनसीएपी में सूचीबद्ध 23 राज्यों के 122 शहरों के वायु गुणवत्ता निगरानी के तीन साल के आंकड़ों (2016-18) का प्रयोग किया है। बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक तीन सालों के दौरान दिल्ली में पीएम-10(पर्टिकुलेट मैटर) की मात्रा सबसे अधिक रही है। इसके बाद झारखंड और उत्तर प्रदेश में भी प्रदूषण की मात्रा अधिक है। वहीं, पीएम-2.5 के हिसाब से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे ज्यादा प्रदूषित राज्य है।
रिपोर्ट के अनुसार झारखंड का धनबाद सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है। यहां 2016 में पीएम-10 का स्तर 226 माइक्रान प्रति क्यूबिक मीटर था, एक साल बाद यानी 2017 में बढ़कर 238 हो गया। वहीं, 2018 में यह 263 माइक्रान हो गया। इस तरह तीन साल का औसत झारखंड का 242 माइक्रान दर्ज किया गया है।