JoharLive : छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बीजापुर में सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है. हजारों जवानों ने 150 से ज्यादा नक्सलियों को घेर रखा है. नक्सलियों के बड़े कमांडर हिडमा और देवा भी रडार पर हैं. इस एक्शन से घबराए नक्सलियों ने सरकार से ऑपरेशन रोकने की अपील की है. बंदूक के दम पर बदलाव की बात करने वाले नक्सलियों का खूंटा अब डोल चुका है. उन्हें अपनी जान की चिंता सताने लगी है. डर के मारे वे लोग अब बातचीत का प्रस्ताव दे रहे हैं. इसको लेकर नक्सलियों ने एक प्रेस वक्तव्य जारी किया है।
नक्सलियों ने लिखा है कि “सभी लोग चाहते हैं समस्या का समाधान शांति वार्ता के जरिए हो. शांति वार्ता के लिए हमारी पार्टी हमेशा तैयार है. हमारी पार्टी के केंद्रीय कमेटी ने भी शांति वार्ता को लेकर पत्र जारी किये थे. विश्वास का कमी को दूर करने के लिए हमारे तरफ से लगातार प्रयास जारी है. लेकिन सरकार का मंशा अलग दिख रहा है. शांति वार्ता के जरिए समस्या हल होने का संभावना रहने के बावजूद सरकार दमन व हिंसा का प्रयोग से समस्या का समाधान के लिए प्रयास कर रहा है. इसी का नतीजा है बीजापुर – तेलंगाना सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभियान को लांच किया गया. इस अभियान को तुरंत रोकना चाहिए, बलों को वापस लेना चाहिए. हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वार्ता के जरिए समस्या का समाधान का रास्ता अपनाये, अनुकूल माहौल बनावे. इस रास्ते से सकारात्मक नतीजा निकलेंगे. बंदूक के बल पर समस्या का समाधान के लिए सरकार द्वारा अमल किये जा रहे कगार सैनिक अभियान को एक महीने के लिए स्थगित करें. हमारे यह अपील पर सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया का उम्मिद के साथ हम प्रतीक्षा करेंगे.” यह पत्र भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो रूपेश के नाम से जारी किया गया है।
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