रांचीः भाकपा माओवादियों के केंद्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो के सदस्य कामरेड अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कबीर उर्फ कंचन दा की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने आज बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम बंद का बुलाया है. भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय और संकेत ने बंद को लेकर पत्र भी जारी किया है. बंद को देखते हुए झारखंड पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल होमकर के अनुसार नक्सली बंद को लेकर रेलवे और झारखंड पुलिस सर्तक हो गयी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिलों के एसपी को सर्तकता के लिए दिशा-निर्देश दिया गया है. पुलिस मुख्यालय ने जिला के सभी एसपी को अलर्ट रहने और अति संवेदनशील क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस निर्देश के बाद जिलों के एसपी ने सभी जवानों को चौकस रहने और अति संवेदनशील इलाकों में दिनभर गश्ती तेज करने का निर्देश दिया है.
नक्सली बंद के दौरान उनका मुख्य फोकस नक्सलियों के वैसे इलाके हैं, जहां उनकी सक्रियता है. इनमें पारसनाथ, झुमरा, रांची के नक्सल प्रभावित क्षेत्र लातेहार, गढ़वा, पलामू कोल्हान, सरायकेला, गुमला जैसे जिलों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है. साल 2022 में नक्सलियों के द्वारा पूर्व में बुलाए गए बंद के दौरान रेलवे ट्रैक को निशाना बनाया गया था. जिसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर विशेष रणनीति बनाई है. रेलवे ट्रैक्स की निगरानी के लिए रेल पुलिस के साथ केंद्रीय बल भी सहयोग कर रहे हैं. आईजी अभियान के अनुसार झारखंड में कई स्थानों पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है. बंद को देखते हुए इन अभियानों को और तेज कर दिया गया है, खासकर वैसे इलाके जहां नक्सलियों का मूवमेंट है उस इलाके में पुलिस की गतिविधि में तेजी दिख रही है.
माओवादियों ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके नेता कामरेड कंचन दा के साथ पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही है. हिरासत में पूछताछ के नाम पर मानसिक यातना, शारीरिक दुर्बलता के बावजूद बेहतर इलाज के लिए समुचित व्यवस्था नहीं दी जा रही है. संगठन यह मांग करता है कि उनका उचित इलाज करवाया जाए. साथ ही उन्हें राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर बिना शर्त रिहा किया जाए.