- राज्य की विधि-व्यवस्था, नक्सलवाद, पोक्सो एक्ट के मामलों की समीक्षा
- माओवादियों की शरण स्थली चिन्हित कर संयुक्त अभियान चलाने का निर्देश
झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ रणनीति और ठोस अभियान के कारण उनकी गतिविधियां 24 जिलों में से केवल 5 जिलों तक सिमटकर रह गयी हैं, जिनमें चाईबासा सबसे अधिक प्रभावित है. नक्सलियों से निपटने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं और राज्य में उनका प्रभाव कम हुआ है. राज्य की कानून व्यवस्था और नक्सलवाद के मुद्दे पर आयोजित समीक्षा बैठक के बाद यह बातें डीजीपी ने कही.
झारखंड में नक्सलियों का किला ध्वस्त हो रहा है
डीजीपी ने बैठक में लॉ एंड ऑर्डर, क्राइम कंट्रोल, नक्सल अभियान, नशा, एनडीपीएस केस की वर्तमान स्थिति को लेकर भी समीक्षा की. कहा कि आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद लॉ एंड ऑर्डर के साथ क्राइम कंट्रोल को लेकर पुलिस मुख्यालय गंभीर है. नक्सलियों के किले में अंतिम कील ठोकने को लेकर पुलिस मुख्यालय एक्शन मोड में है. झारखंड में नक्सलियों का किला ध्वस्त हो रहा है.
एनडीपीएस केस की लगातार मॉनिटरिंग
अजय कुमार सिंह ने कहा कि नशा के खिलाफ कार्रवाई में झारखंड पुलिस पूरी तरह तत्पर है. उन्होंने बताया कि एनडीपीएस केस पर लगातार मॉनिटरिंग हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस जिले में नशा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई जाती है उस जिले के पुलिस पधाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अधिकारी हर हाल में अवैध खनन, अवैध मादक पदार्थ और अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगाएं. उन्होंने राज्य में माओवादियों की शरण स्थली को चिन्हित कर संयुक्त अभियान चलाने का भी निर्देश दिया.
सीएम कल करेंगे विधि-व्यवस्था की समीक्षा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने 11 जून को राज्य के सभी वरीय अधिकारियों की बैठक बुलाई है. सीएम की बैठक से पहले डीजीपी ने विधि-व्यवस्था सहित 7 मुद्दों को लेकर पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली. बैठक में राज्य के सभी एसएसपी, एसपी, आईजी, डीआईजी समेत सभी वरीय पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे.