JoharLive Desk
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नौसेना में सेवारत सभी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने का रास्ता साफ करते हुए मंगलवार को कहा कि स्थायी कमीशन देने में महिला और पुरुष अधिकारियों में भेदभाव नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि महिलाओं के शारीरिक कारणों का हवाला देकर सरकार द्वारा उन्हें अवसरों से वंचित करना दकियानूसी रवैया है।
इससे पहले सरकार ने 2008 के बाद से ही नौसेना में भर्ती होने वाली महिलाओं को स्थायी कमीशन की नीति बनाई थी, लेकिन आज के फैसले के बाद सभी सेवारत नौसेना महिला अधिकारी स्थाई कमीशन पा सकेगी।
न्यायालय ने सरकार को तीन महीने के अंदर इस आदेश पर अमल करने को कहा है। इससे पहले शीर्ष अदालत सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने का आदेश दे चुका है।
उच्चतम न्यायालय ने गत 17 फरवरी को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि केंद्र कॉम्बैट ब्रांचों को छोड़कर अन्य ब्रांचों में महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने को बाध्य है।