दिल्ली। ‘नंदी’, सुख – समृद्धि के प्रदाता है। इस गोपाष्टमी ध्यान फाउंडेशन के साथ नंदी देव की अद्भुत शक्ति और कृपा का प्रसाद ग्रहण करें।
त्वरये तुष्टे अहम् तुष्टः, कुपिते कुपितष्टवाहम् | त्वत्तः प्रियतरो नास्ति ममान्यो द्विज पुंगवा ||
भगवान शिव नंदी से कहते हैं: तुम्हें तृप्त करने से मुझे तृप्ति होगी, तुम्हें पीड़ा देने से मुझे क्रोध आएगा।मुझे, तुमसे अधिक प्रिय कोई नहीं है।
गाय एक अद्भुत प्राणी है, उसका पालन – पोषण करने से अत्यंत सुख समृद्धि प्राप्त होती है और उसे पीड़ा और कष्ट पहुंचाने के दुष्परिणाम भी उतने ही गंभीर हैं। “ वह माँ है ” ध्यान आश्रम के अश्विनी गुरु जी कहते हैं।
गोपाष्टमी उस दिन का प्रतीक है, जब श्री कृष्ण को उनके पिता नंद द्वारा गौवंश की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।कहा जाता है कि गोपाष्टमी के शुभ दिन पर यज्ञ और पूजा – अर्चना करने के साथ-साथ कृष्ण के नंदी और गायों की सेवा करने से न केवल अच्छा स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है, बल्कि घर और ऑफिस से बाधाएँ भी दूर होती हैं, शरीर निरोग होता है और व्यक्ति की प्राण शक्ति में वृद्धि होती है।
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भगवन शिव और श्री कृष्ण, दोनों ही प्रमुख देवता गाय के पालन-पोषण की ओर इशारा करते हैं किन्तु फिर भी हम में से अधिकांश लोग इसे अनदेखा करते हैं।इस पावन दिन के अवसर पर देश भर की गौशालाओं और जीव आश्रयों में ध्यान फाउंडेशन द्वारा एक साथ यज्ञ और पूजा संपन्न की जाएगी।ध्यान फाउंडेशन की 44 गौशालाओं में 70,000 से भी अधिक नंदियों का पोषण करना और भी अधिक विशिष्ट है क्योंकि उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा से बीएसएफ द्वारा तस्करों और कसाईयों के हाथों दर्दनाक मौत से बचाया गया है।अब वह हमारे साथ सुरक्षित हैं।
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गौवंश को बचाना और उसका पालन पोषण करना समृद्धि का प्रतीक है। इस अद्भुत जीव की सेवा करने वाले स्वयंसेवक इस बात का प्रमाण भी देते हैं।ध्यान फाउंडेशन के एक स्वयंसेवक, जो गायों को बचाने में सक्रिय हैं, एक मीडिया हाउस में उनकी नौकरी लगे अभी मुश्किल से 3 महीने ही हुए थे, जब उन्होंने पांच पैरों वाली गाय पर एक लेख लिखा जो दुनिया भर में प्रकाशित हुआ और उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली।एक और साधक जो विदेश में पढ़ना चाहते थे किन्तु आर्थिक संकट से जूझ रहे थे।उन्होंने गायों की सेवा करनी शुरू कर दी और प्रतिदिन एक बैल के कान में अपनी इच्छा बताने लगे। गौसेवा के तीन महीने के भीतर ही चमत्कारिक ढंग से धन की व्यवस्था हो गई, और वह अमेरिका की एक उत्तम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने चले गए।ऐसा कहा जाता है कि यदि आप नियमित रूप से गायों की सेवा करते हैं, उन्हें खिलाते हैं और वह यदि आपका सिर चाटती हैं तो आपकी मानसिक क्षमताएं फलित होती हैं – ऐसा ही कुछ महान संत कबीर के साथ हुआ था। उनकी काव्य क्षमता केवल एक बार उनके सिर पर एक गाय द्वारा चाटने के बाद प्रकट हुई थी।
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नंदी और गाय की सेवा करने के कर्म लाभ कई गुना हैं, और गोपाष्टमी के दिन यह और भी अधिक हो जाते हैं, आपके अच्छे स्वास्थ्य, व्यवसाय या आपके जीवन से किसी भी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करने के लिए भी यह दिन गौ सेवा की दृष्टि से उत्तम है ।
आइए गौरक्षा और गौसेवा के इस ऐतिहासिक कार्य का हिस्सा बनें और नंदी देव से अपने जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य, धन और सुख – शांति का आशीर्वाद पाएं । 12 और 14 नवंबर को अपने निकट होने वाले गोपाष्टमी उत्सव के लिए हमसे जुड़ें।
भाग लेने के लिए +91 9318451205 पर संपर्क करें या www.dhyanfoundation.com पर लॉग ऑन करें
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