रांचीः विधानसभा में नमाज के लिए कक्ष आवंटित करने के स्पीकर के फैसले पर प्रदेश की सियासत में बवंडर आ गया है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस पर आक्रामक हो गई है. भाजपा के मुख्य सचेतक विधायक विरंची नारायण ने इस फैसले के खिलाफ स्पीकर को चिट्ठी लिखी है. वहीं एक वीडियो जारी कर हिंदू धर्मावलंबियों, बौद्ध, जैन धर्मावलंबियों और सरना समुदाय के लिए भी विधानसभा भवन में पूजा के लिए कक्ष उपलब्ध कराने की मांग की है. इससे पहले भी कई भाजपा नेताओं ने इस फैसले को तुष्टिकरण करार देते हुए विरोध किया था.
बोकारो से विधायक बिरंची नारायण ने झारखंड सरकार पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कि यह सरकार तो खुद को आदिवासियों का बड़ा हितैषी कहती है, वह सरना को विधानसभा परिसर में उपासना के लिए कक्ष दिलाए. इसके अलावा सदन में विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने स्पीकर को पत्र लिखकर इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है.
आदेश निरस्त करने की मांग
भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने विधानसभा में नमाज कक्ष (Namaz room in assembly) बनाये जाने पर आपत्ति जताते हुए स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो को लिखे पत्र में कहा है कि पत्रांक 1552 दिनांक 2 सितंबर 21 को जारी कार्यालय आदेश को तत्काल निरस्त करें, नहीं तो इसे धर्म विशेष का तुष्टिकरण मानते हुए हमें न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना होगा. उन्होंने विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए विशेष कमरा आवंटित करने के आदेश को असंसदीय, अव्यावहारिक और धार्मिक तुष्टिकरण बताया और कहा कि यह निर्णय धर्म विशेष के लोगों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
निर्णय के खिलाफ आंदोलन
इधर, भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में नमाज कक्ष बनाए जाने के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद कर दिया है.भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से विधानसभा भवन में नमाज कक्ष आवंटित किए जाने का विरोध किया है. सांसद दीपक प्रकाश ने इसके खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी की धार्मिक भावना को आहत करने की मंशा नहीं रखती है.
सरकार के इशारे पर स्पीकर ने किया ऐसा कामः सांसद दीपक प्रकाश
सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि भाजपा सर्व धर्म समभाव की पक्षधर है परंतु हम लोकतांत्रिक प्रणाली में तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करते हैं. सरकार विकास छोड़ वोट बैंक की राजनीति पर उतर आई है, सारे निर्णय तुष्टिकरण के हिसाब से लिए जा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के इशारे पर अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय लेकर लोकतंत्र की मर्यादा को चोट पहुंचाई है.
भाजपा ने किया आंदोलन का शंखनाद
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा इस लोकतंत्र विरोधी निर्णय के खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी. भाजपा प्रदेश ने फैसले के विरोध में कार्यक्रमों की घोषणा की है.
भाजपा के कार्यक्रम
- 5 सितंबर को पूरे प्रदेश में सभी जिला केंद्रों पर विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री का पुतला दहन कार्यक्रम
- 6 सितंबर को सभी जिलों में धरना एवं प्रदर्शन
- 7 सितंबर को पार्टी के सभी मोर्चों की ओर से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन और राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन
- 8 सितंबर को पार्टी कार्यकर्ता विधानसभा के समक्ष करेंगे प्रदर्शन
- 9 सितंबर को पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राजभवन जाकर महामहिम राज्यपाल को सौंपेगा ज्ञापन