पटना: मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर लड़कियों के साथ यौन शोषण करने का एक मामला सामने आया है. जहां युवतियों को जॉब के बहाने महीनों तक बंधक बनाकर रखने और उनके यौन उत्पीड़न किया जाता था. पुलिस ने इसके खिलाफ नौ लोगों पर केस दर्ज किया है. बता दें कि एक पीड़िता किसी तरह आरोपियों के चंगुल से फरार होकर कोर्ट पहुंची तब इस बात का खुलासा हुआ. उसने कोर्ट पहुंचकर बताया कि इस फर्जी कंपनी के लोग 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाते थे और उन्हें अच्छी जॉब और 50 हजार रुपये तक सैलरी का लालच देकर मुजफ्फरपुर बुलाते थे. जहां इन लड़कियों को रखा जाता था.
लड़कियों को आपस में बात करने की नहीं थी इजाजत
वहीं लड़कियों को आपस में बात करने की इजाजत नहीं थी. यदि कोई इस बात का विरोध करता था तो उसे भाई की हत्या और अपहरण की धमकी दी जाती थी. साथ ही उन्हें नशा देकर उनकी पिटाई की जाती थी. उन्हें कंपनी के फर्जीवाड़े और आरोपियों की गलत नीयत का तब पता चला जब एक दिन वहां पुलिस की रेड पड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.पीड़िता ने बताया कि तिलक प्रताप सिंह नाम के प्रमुख आरोपी ने फेसबुक के जरिए उनसे संपर्क किया था. जिसके बाद यहां नौकरी के लिए पहुंची तो लोगों को फ्रॉड कॉल करने की ट्रेनिंग दी जाने लगी. उसने कहा कि ऐसे 200-250 लोग थे जिन्हें इस गोरखधंधे में लगाया गया था.
युवतियों द्वारा सैलरी मांगने पर फर्म का हिस्सा बताते थे आरोपी
पीड़िता ने यह भी बताया कि जब भी वो अपना सैलरी मांगती थीं, तो आरोपी उन्हें बताते थे कि वो अब इस फर्म का हिस्सा हैं. अंत में एक लड़की भागने में सफल रही और कोर्ट पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई. पीड़िता ने कहा पुलिस ने शुरू में उसकी शिकायत सुनने से इनकार कर दिया और इसी वजह से उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया.उसके मुताबिक जब मुजफ्फरपुर के दफ्तर में छापा पड़ा तो आरोपी उसे लेकर हाजीपुर चले गए और वहां जबरदस्ती एक आरोपी से उसकी शादी करा दी गई. पुलिस के मुताबिक इस मामले के सभी आरोपी एक जाली मार्केटिंग फर्म डीवीआर से जुड़े हुए थे और उसी के जरिए लड़कियों को जॉब और अच्छी सैलरी का झांसा देकर फंसाया जाता था.
पीड़ितों को बंधक बना आरोपी करते थे यौन शोषण
अधिकारी ने कहा, ‘जब पीड़िता मुजफ्फरपुर आई, तो उसे पहले एक कमरे में रखा गया था. जहां कई और लड़कियां भी थी. बाद में, उन्हें एक अज्ञात स्थान पर रखा गया जहां सभी लड़कियां कॉल कर लोगों को आकर्षक नौकरियों का झांसा दिया करती थी. इसके बाद सभी आरोपी लड़कियों के साथ ही रहने लगे.’ अधिकारी ने यह भी कहा कि, ‘आरोपियों ने पीड़ितों को बंधक बनाकर उनका यौन शोषण करते थे. साथ ही उनकी पिटाई भी की जाती थी. सुत्रों के मुताबिक शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ितों को शादी के लिए भी मजबूर किया गया था. याथ ही कई युवतियों के प्रग्नेंट होने के बाद उसका गर्भपात भी कराया गया था.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी
वहीं मामले को लेकर डिप्टी एसपी विनीता सिन्हा ने कहा कि, ‘सभी नौ आरोपी फरार है. जिसको लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. डिप्टी एसपी ने कहा, ‘हमने शिकायतकर्ता के साथ-साथ कई अन्य पीड़िताओं का बयान दर्ज किया है. जिससे पता चला कि आरोपी ने पहली बार जून 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से लड़कियों से संपर्क किया और उन्हें अच्छी नौकरी देने के नाम पर मुजफ्फरपुर बुलाया. बता दें कि कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया है.
इस गैंग का मास्टरमाइंड तिलक प्रसाद सिंह को पुलिस ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है. दबोचा है. फिलहाल पुलिस मुख्य आरोपी से पूछताछ कर रही है. सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि पुलिस पीड़िता द्वारा लगाए सभी आरोपों की गहनता से जांच कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक इसी लड़के की तस्वीर पीड़िता के साथ वायरल हुई थी.
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