हजारीबाग: आज 15 अक्टूबर को मुस्लिम समुदाय ने यति नरसिंहानंद द्वारा इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया. यह जुलूस शहर के विभिन्न हिस्सों से शुरू होकर समाहरणालय परिसर तक पहुंचा, जहां प्रदर्शनकारियों ने हजारीबाग के आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा.
विरोध का कारण
डसना मंदिर के यति नरसिंहानंद द्वारा हाल ही में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों ने मुस्लिम समुदाय को आक्रोशित कर दिया. इसे लेकर हज़ारीबाग में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की. विरोध जुलूस में शामिल लोगों ने “गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, फांसी दो, फांसी दो” के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर उठाए हुए थे, जिनमें यति नरसिंहानंद के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गई थी. जुलूस में हज़ारीबाग के कई ग्रामीण और शहरी इलाकों से लोग शामिल हुए, जिनमें पन्नाटांड़, ढेंगुरा, मसरातु, सुलमी, और कई अन्य क्षेत्रों के निवासी प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
ज्ञापन की मुख्य मांगें
हजारीबाग आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की गई कि किसी भी धर्म या धार्मिक नेता का अपमान करने वालों को कड़ी सजा दी जाए. ज्ञापन में यह भी आग्रह किया गया कि ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि देश में अमन-शांति बनी रहे.
जुलूस का नेतृत्व हजरत मुफ्ती महबूब मिस्बाही, मौलाना गुलाम वारिस हशमती, मुफ्ती अब्दुल जलील सादी, मौलाना अब्दुल वाहिद मिस्बाही, और अन्य प्रमुख उलेमाओं ने किया. इन धार्मिक नेताओं ने प्रशासन से यति नरसिंहानंद के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग की.