ओमान की मस्कट में रहने वाले उद्यमी इशाक गुलाम जिलानी ने रांची के व्यवसायी राजकुमार फुलादिया उर्फ कौशिक और उसकी पत्नी अनुपमा फुलादिया पर प्रताड़ित करने और झूठे मुकदमें में फंसाने का आरोप लगाया है। इशाक गुलाम जिलानी मस्कट के चर्चित उद्यमी हैं, वहां उनकी सिमरन मस्कट एलएलसी नाम की कंपनी है। जिलानी ने पूरे मामले में एसएसपी कुलदीप द्विवेदी से मुलाकात कर जांच की मांग की है। जिलानी के खिलाफ पिछले साल लालपुर थाने में ही केस नंबर 169/16 दर्ज था। इशाक गुलाम जिलानी के सामने आने के मस्कट से आने के बाद एसएसपी ने इस मामले में नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं।
इशाक गुलाम जिलानी ने एसएसपी को सौंपे आवेदन में बताया है कि उनकी कंपनी सिमरन मस्कट के साथ साल 2013 में राजकुमार और अनुपमा फुलादिया ने कंस्ट्रक्शन, फुड और स्टील सप्लायी के लिए जवाइंट वेंचर एग्रीमेंट किया था। इस एग्रीमेंट में दिल्ली के व्यवसायी एनके शर्मा को भी राजकुमार ने 50 फीसदी का पार्टनर बनाया था। ओमान के नियम के मुताबिक, पार्टनरशिप के लिए कंपनी की कैपिटल कम से कम 2.54 करोड़ होनी चाहिए थी। साइनिंग एग्रीमेंट के दौरान अनुपमा फुलादिया ने एचडीएफसी बैंक सरकुलर रोड से जारी 1.13 करोड़ का चेक दिया। लेकिन एकाउंट में पैसे नहीं होने की वजह से ये पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ। इशाक गुलाम जिलानी के मुताबिक, पैसे क्रेडिट नहीं होने पर उन्होंने एग्रीमेंट तोड़ने को भी कहा, लेकिन तीनों ने कहा कि पैसे मैनेज हो जाएंगे।
इशाक का आरोप है कि 11 अगस्त 2014 को राजकुमार और अनुपमा ने नए सिरे से एग्रीमेंट करने को कहा, इस एग्रीमेंट से एनके शर्मा को बाहर कर दिया गया। व्यवसायिक दंपति ने तब कहा कि अब सारा काम वह खुद देखेंगे। इस एग्रीमेंट के बाद सिमरन कंपनी ने मस्कट में ऑफिस, परिवहन और रहने की सुविधा दी। लेकिन एग्रीमेंट के मुताबिक, राजकुमार और अनुपमा ने परफार्म नहीं किया। सिमरन कंपनी के नाम पर सभी ने वहां फंड भी जुगाड़े। स्टील और चावल की सप्लायी का काम भी दिया गया, लेकिन दोनों ने कभी संतोषजनक काम नहीं किया। कंपनी की तरफ से जब दबाव डाला जाने लगा तो दोनों पति- पत्नी कुछ असमाजिक तत्वों की मदद से धमकी देने लगे। इशाक ने गुहार लगायी है कि एग्रीमेंट के तहत जो पैसे उन्हें मिलने चाहिए वह दिलायी जाए।
क्या थी व्यवसायी दंपति की शिकायत
अनुपम और उनके पति राजकुमार फुलादिया करतार मिनरल एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। दोनों लालपुर के सी-2 क्लब अपार्टमेंट के रहने वाले हैं। अनुपम ने पूर्व में दर्ज शिकायत में बताया था कि गुड़गांव स्थित सुशांत अपार्टमेंट ब्लॉक सी फ्लैट बी 38 निवासी नरेन्द्र कुमार शर्मा ने 2013 में संपर्क किया। एनके ने खुद को आईआईएम का पासआउट और यूके की कंपनी रिनायर ग्रुप का हेड कंसल्टेंट बताया।ओमान में स्टील और चावल की सप्लाई का कांट्रैक्ट दिलाने का झांसा देकर नरेंद्र उसके पति राजकुमार फुलादिया को मस्कट ले गया। वहां बिजनेस टायकून बताकर इशाक गुलाम जिलानी नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई। ओमान में बैठक के दौरान गुलाम जिलानी, पार्टनर सिमरन जिलानी, गुलाम का भाई अब्राहम जिलानी, नूरजहां जिलानी ने राजकुमार से छह करोड़ निवेश करने को कहा और भरोसा दिलाया कि इसके बाद 100 से 300 करोड़ के चावल और स्टील की सप्लाई का काम मिलेगा। इसमें नरेन्द्र का साथ मुंबई के ज्वेलर कृष्णा ने भी दिया। जिलानी के कहने पर अनुपम व उसके पति ने कुल 2.35 करोड़ का निवेश किया।
मस्कट में बंधक बनाया और वसूले पैसे
अनुपम का आरोप है कि ओमान में गुलाम जिलानी के झांसे में आकर राजकुमार फुलादिया ने उसके अकाउंट में 1.13 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद जब वर्क आर्डर के लिए कोई काम नहीं हो रहा था तो राजकुमार ने पूछताछ शुरू की। गुलाम ने तब कहा कि वह और पैसे दे तब उसे भारत जाने दिया जाएगा और वर्क ऑर्डर भी तभी मिलेगा। ऐसे में दबाव में आकर राजकुमार ने 25 लाख रुपये सिमरन जिलानी के अकाउंट में भेजे। पैसे जमा होने के बाद राजकुमार को भारत आने दिया गया। भारत लौटने के कई महीने बाद तक वर्क आर्डर नहीं मिला। इसी बीच नरेंद्र शर्मा फरार हो गया, जबकि इशाक गुलाम जिलानी ने भी पैसे या वर्क आर्डर देने से इंकार कर दिया।