रांची : ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पूरे विश्व के साथ भारत में बहुत बड़ी समस्या बन चुका है. शहरीकरण और अन्य विकास गतिविधियों के कारण कूड़े की मात्रा बहुत बढ़ गई है. केंद्र सरकार द्वारा कूड़ा मुक्त भारत बनाने के लिए हेतु कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में रांची नगर निगम ने राजधानी में सफाई व्यवस्था करते हुए गार्बेज के पृथक्करण का कार्य सुनिश्चित किया जा रहा है. जिसके तहत घरों में ही लोगों को कचरा अलग-अलग करने को लेकर जागरूक किया जा रहा है. 15 नवंबर के बाद से नगर निगम लोगों के घरों से मिक्स कचरा नहीं उठाएगा. इस उद्देश्य से नगर प्रशासक महोदय ने आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए हैं. वहीं नगर निगम भी इसके लिए प्रचार प्रसार कर रहा है. अब नगर निगम की गाड़ियों में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखने हेतु सेपरेटर लगाए गए है. इतना ही नहीं गाड़ियों में हरा और नीला रंग भी कराया गया है. जिससे कि लोगों को इसकी जानकारी मिल सके. नगर प्रशासक ने कहा कि गार्बेज फ्री रांची के लिए हर वॉर्ड को कूड़ा मुक्त बनाना होगा.

शहर के लोगों से की अपील

नगर प्रशासक ने कहा कि नागरिकों का सहयोग भी ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि झिरी में गेल इंडिया दो चरणों में 150 मिट्रीक टन/प्रतिदिन का बायो कंपोस्ट प्लांट लग रहा है, जिसके लिए प्रतिदिन लगभग 300 टन गीला कचड़ा उपलब्ध कराने की अवश्यकता होगी. इसलिए अभी से रांची शहर में ही अलग-अलग कचरा रखने को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. उन्होंने रांची नगर निगम क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि कूड़ा संग्रहण करने वाली गाड़ियों के हरे कंपार्टमेंट में गीला कचरा तथा नीले कंपार्टमेंट में सूखा कचरा डालना सुनिश्चित करें.

ये करने का निर्देश

  • सुनिश्चित करना होगा कि घरों/प्रतिष्ठानों/ऑफिस से कूड़ा कम बाहर आए
  • आम नागरिकों को कूड़ा अलग-अलग रखने हेतु प्रेरित करे
  • हरे डस्टबिन में गीला, नीले डस्टबिन में सूखा कचरा को बढ़ावा देना होगा
  • हरे डस्टबिन में गीला कचरा, रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके डालना
  • नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट, अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े डालना
Share.
Exit mobile version