मल्टीग्रेन आटा क्या है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह कई अनाजों से बना आटा है. एक अनाज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार आटा को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है. गेहूं, चावल, मक्का, बाजरा जैसे अनाज के बिना हम कल्पना भी नहीं कर सकते. यही चीजें मुख्य रूप से हमारे जीने का आधार है. यही हमारे शरीर को सबसे ज्यादा पोषक तत्व प्रदान करते हैं. अगर कई अनाज को एक साथ मिला दिया जाए और उससे मल्टीग्रेन आटा तैयार कर लिया जाए, तो इसमें पोषक तत्वों का मात्रा भी बढ़ जाती है और यह डायबिटीज से भी बचाता है.

जब शरीर में पैंक्रियाज कम काम करने लगे यानी इसमें से इंसुलिन कम बनने लगे तो शरीर में शुगर का संश्लेषण कम होने लगता है. इसका नतीजा यह होता है कि शुगर खून में जमा होने लगता है जिससे डायबिटीज की बीमारी होती है. एक तरह के आटा में फाइबर की मात्रा कम होती है. फाइबर शुगर को खून में जाने से रोकने में मदद करता है, इसलिए जब कई अनाज को हम एक साथ मिला देते हैं और उससे मल्टीग्रेन आटा तैयार करते हैं, तो इसमें फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है. यही कारण है मल्टीग्रेन आटा डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है.

कैसे बनता है मल्टीग्रेन आटा
अधिकांश भारतीय अपनी डाइट में गेहूं के आटे की रोटी खाना ज्यादा पसंद करते हैं. गेहूं का आटा खाने में स्वादिष्ट होता है इसलिए ज्यादातर लोग इसी आटा की रोटी खाते हैं, लेकिन गेहूं के आटे में दूसरे अनाज की तुलना में पोषक तत्व बहुत कम होते हैं. अगर गेहूं में ज्वार, बाजरा, मक्का आदि मिला दिया जाए, तो यह मल्टीग्रेन हो जाता है और इसे पीस दें, तो यह मल्टीग्रेन आटा बन जाता है. के आटा में कुछ और अनाज को मिक्स कर लिया जाए तो उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है और वो सेहत को कई तरह से फायदा भी पहुंचाता है.सेहतमंद रहना चाहते हैं तो मल्टीग्रेन आटा का सेवन करें.

मल्टीग्रेन आटा के फायदे

ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकता है
सामान्य आटा की तुलना में मल्टीग्रेन आटा में डाइट्री फाइबर ज्यादा होता है जो ब्लड में शुगर के रिलीज को स्लो कर देता है. इससे खून में शुगर का स्तर अचानक नहीं बढ़ता है. शुगर के मरीजों की सबसे बड़ी समस्या यही है कि उसके खून में शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है.

पाचन ठीक रखता है
मल्टीग्रेन आटा पाचन को दुरुस्त रखता है. इसमें भरपूर फाइबर मौजूद होता है जो पाचन को ठीक रखता है और कब्ज से निजात दिलाता है. यह पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी मदद करता है.

मोटापा कंट्रोल करता है
चूंकि मल्टीग्रेन आटा में फैट या कोलेस्ट्रॉल बहुत कम पाया जाता है, इसलिए यह मोटापे पर भी लगाम लगाता है. मोटापे के शिकार लोगों को गेहूं के आटे के बजाय केवल चना, ज्वार, बाजरा जैसे विभिन्न अनाज से बनी रोटी का प्रयोग क

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