रांची. रांची में 10 जून को हुई हिंसा में मारे गए मुदस्सिर आलम (15) को 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 386 अंक मिले हैं. लेकिन प्रथम श्रेणी में आया उसका यह नतीजा अब किसी काम का नहीं रह गया. बता दें कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ रांची में भड़की हिंसा में 20 वर्षीय साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम की गोली लगने से मौत हो गई थी.
मुदस्सिर आलम ने जैक बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा लिखी थी. उसके देहांत के 10 दिन बाद 21 जून को जैक ने बोर्ड के नतीजे जारी किए. 10वीं में मुदस्सिर आलम को फर्स्ट डिवीजन का अंक आया है.
मुदस्सिर को टोटल मार्क्स 386 मिले हैं. जैक के जारी 10वीं के नतीजे में मुदस्सिर को इंग्लिश में 71, हिंदी में 64, उर्दू में 70, साइंस में 60, सोशल साइंस में 68 और मैथ में 53 अंक मिले हैं. मुदस्सिर आज अपना रिजल्ट देखने के लिए जिंदा नहीं है, लेकिन उसके रिजल्ट ने सभी को चौंका दिया है.
इस नतीजे के बाद यह सवाल सिर उठाने लगा है कि आखिर पढ़ने-लिखने वाला यह बच्चा उस भीड़ का हिस्सा कैसे बन गया, जो हिंसा में तब्दील हो गई थी. मुदस्सिर पुनदाग स्थित लिटिल एंजेल स्कूल से पढ़ाई कर रहा था और यहीं से उसने मैट्रिक की परीक्षा लिखी थी.
पिता परवेज आलम और मां निखत परवीन का रो-रो कर बुरा हाल है. परवेज आलम ठेला में फल बेचकर परिवार का गुजर-बसर करते हैं और इसी कमाई से अपने बेटे को पढ़ा-लिखा रहे थे. मां बाप भी यह बात नहीं समझ पा रहे हैं कि उसका इकलौता बेटा आखिर उस भीड़ में कैसे शामिल हो गया.