रांची :  रांची रेलवे स्टेशन पर नए फुटओवर ब्रिज की सुविधा अब रेल यात्रियों को मिल सकेगी। इस नए फुटओवर ब्रिज का उद्घाटन शुक्रवार को सांसद संजय सेठ व विधायक सीपी सिंह ने किया। इस अवसर पर सांसद संजय सेठ ने कहा कि रांची रेलवे स्टेशन के अलावा नामकुम, टाटीसिल्वे, लोहरदगा और हटिया स्टेशन को भी विकसित किया जाएगा । इस अवसर पर डीआरएम प्रदीप गुप्ता ने कहा कि फुट ओवर ब्रिज के साथ-साथ जल्द हो लोगों को स्वचालित सीढ़ी की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। मौके पर रेलवे के पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।

रेलयात्रियों सुविधाओं का किया जा रहा विस्‍तार

रेलयात्रियों को ज्‍यादा से ज्‍यादा सुविधा मिल सके, इसके लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के एक्सटेंशन का काम कई महीने से चल रहा था। गत अगस्‍त महीने में ओवरब्रिज एक्‍सटेंशन का काम पूरा हो जाने की घोषणा की गई थी। काम पूरा हो जाने के बाद ही यह जानकारी दी गई थी कि सितंबर माह के पहले से दूसरे सप्‍ताह तक इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। ज्ञात हो कि इस फुटओवर ब्रिज का विस्तार रांची स्टेशन के पार्किग स्थल तक किया गया है, ताकि स्टेशन के मुख्य द्वार पर जाए बिना यात्री नई पार्किंग के पास सीधे निकल सकें। वहीं इस नए फुट ओवर ब्रिज को प्लेटफार्म नंबर पांच से भी जोड़ा गया है । आने वाले समय में इसे एक और दो नंबर प्लेटफार्म से भी जोड़ने की योजना की बात कही गई थी।

बदल रही रांची रेलवे स्‍टेशन की सूरत

यात्री सुविधाओं के मामले में देखा जाए तो कहा जा सकता है कि रांची रेलवे स्टेशन की सूरत बदल रही है। इस स्‍टेशन पर यात्री सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। इसके पूर्व भी कई यात्री सुविधाओं की शुरुआत की जा चुकी है। साथ ही सफाई व्‍यवस्‍था भी पहले की अपेक्षा बेहतर है। हालांकि भीड़ बढ़ने पर गंदगी भी नजर आती है लेकिन इसे नियमित सफाई कर दुरुस्‍त रखने की कोशिश भी नजर आती है।

450 टन क्रेन की मदद से 12-12 टन के दो गार्डर लगाए गए

जिस नए ओवरब्रिज का उद़घाटन शुक्रवार को सांसद संजय सेठ व विधायक सीपी सिंह ने किया,रांची रेलवे स्टेशन के इस फुट ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 450 टन क्रेन की मदद से 12-12 टन के दो गार्डर लगाए गए हैं। जानकारी के अनुसार रांची रेल मंडल के इंजीनियरिंग, विद्युत, वाणिज्य एवं इंजीनियरिंग (पुल) विभाग के सहयोग से यह कार्य किया गया है। इस ओवरब्रिज के नहीं होने के कारण रांची रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने में दिक्कत होती थी।

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