हजारीबाग: हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल पहली बार सांसद चुने गए हैं. लेकिन हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र की जन भावना का बखूबी ख्याल रखते हुए उन्होंने लोकसभा के पहले सत्र में ही जनहित से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दे को मुखरता से उठाकर क्षेत्र की जनता का दिल जीत रहें हैं. शुक्रवार को लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान जब उन्होंने सदन पटल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मांग करते हुए कहा कि रामगढ़ में इंडियन स्कूल ऑफ़ माइंस (आईएसएम) खोलें जाय ताकि इस क्षेत्र का भविष्य संवर सकें. इस संबंध में सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि मैं कोयलांचल क्षेत्र से आता हूं और हमारे यहां मां छिन्नमस्तिका का प्रभाव है. हमारे यहां बहुत सारे कोल माइंस संचालित हैं ऐसे में रामगढ़ क्षेत्र में अगर एक आईएसएम संचालित हो जाता तो निश्चित रूप से इस क्षेत्र की देशभर में एक अलग पहचान होती.
झारखंड की शिक्षा व्यवस्था और पारा शिक्षकों का मामला उठाया
झारखंड की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के मौजूदा हालात और पारा शिक्षकों के मामले को उन्होंने बेबाकी से उठाया. उन्होंने कहा की झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की झारखंड सरकार राज्य में शिक्षा को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. सांसद मनीष जायसवाल ने अपनी बात बेबाकी से रखते हुए कहा कि पहले पारा शिक्षकों को वोट लेने के लिए झूठे वादे करके ठगा गया. और अब जब वे अपने हक व अधिकार की बात कर रहे हैं तो उन्हें लाठियां मारी जा रही है और उन पर सरकार आंसू गैस छोड़ रही है. सांसद ने यह भी बताया कि सरकारी स्कूलों के नाम को बदलकर उर्दू स्कूल किया जा रहा है. रविवार की जगह झारखंड के स्कूलों में छुट्टियां शुक्रवार को की जा रही है. यहां के स्कूलों के मुख्य द्वार पर चारमीनार का निर्माण कर दिया जा रहा है.