JoharLIve Teem : शुक्रवार को झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पांचवें दिन भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामेदार रहा। विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया और सरकार के अलग-अलग विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। वहीं राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह एक बार फिर विपक्ष के आरोपों पर बिफर पड़े। श्री सिंह ने विपक्ष को सबूत के साथ उचित फोरम पर शिकायत करने की सलाह दी।
वहीं सदन में भाजपा विधायक राधाकृष्ण किशोर ने सदन में पारा शिक्षकों का मामला उठाया, जिसके बाद पारा शिक्षकों की सर्टिफिकेट की जांच रोक दी गयी। इस मामले में एक कमेटी का गठन किया जायेगा, जो सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद पारा शिक्षकों की सर्टिफिकेट की फिर से जांच शुरू होगी। पारा शिक्षकों के अलावा झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के प्रमुख राहुल पुरवार की कथित कमीशनखोरी का मुद्दा भी सदन में उठा। मुख्य विपक्षी पार्टी झामुमो ने आरोप लगाया कि जेबीवीएनएल के प्रमुख राहुल पुरवार ठेका कंपनियों से कमीशन मांगते हैं। इसकी वजह से कंपनियों का झारखंड में काम करना मुश्किल हो गया है। एक दिन पहले ही झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की ओर से टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की कंसल्टेंसी कंपनी के एक अधिकारी के ई-मेल से भेजी गयी एक चिट्ठी जारी की थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को इंजीनियरिंग एवं टेक्निकल सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी के अविनाश कुमार ने यह पत्र प्रदेश के मुख्य सचिव डीके त्रिपाठी को लिखा था, जिसमें राहुल पुरवार पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं। इसी पत्र को आधार बनाकर हेमंत सोरेन और झामुमो ने शुक्रवार को विधानसभा में रघुवर दास की सरकार को घेरने का प्रयास किया। सरकार से जवाब मांगा। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा हो गया और स्पीकर को 12 बजे तक के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा। 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई। शून्यकाल शुरू होते ही विरोधी दलों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र : हेमंत पर बरसे मंत्री सीपी सिंह
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